भिलाई-
टाउनशिप के सेक्टर -2 में गुरुवार को भी दो लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इनमें एक हॉट स्पॉट बनी यहां की सड़क -3 और दूसरी सड़क -6 का रहने वाला है। सड़ क-3 निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति सेक्टर -9 में भर्ती है। सड़ क-6 निवासी 13 वर्षीय बच्चे का घर पर ही उपचार चल रहा है। इनके अलावा उतई का सीआई एसएफ जवान भी डेंगू की चपेट में आ गया है। जवान भी सेक्टर -9 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों नए मरीजों की रिपोर्ट एनए स-1 पॉजिटीव आई है। इसका मतलब यह कि सभी अध कतम 5 दिन में संक् रमित हुए हैं।
राहत की बात यह कि हर डेंगू मरीज की फि हाल सामान्य स्थिति बनी है। 21 जुलाई से अब तक सेक्टर -2 में मिले कुल कंफर्म डेंगू मरीजों की संख्या 10 हो गई है। इसमें सड़क नंबर-3 के दो कंफर्म मरीज और सड़क -9 का एक मरीज अभी भी भर्ती है। मंग वार से गुरुवार के बीच जिले में कुल 8 कन्फर्म डेंगू मरीज मिले हैं। इनमें से 6 मरीज टाउ शिप के सेक्टर -2 में रहने वाले हैं।
तीन दिन से ज्यादा समय बुखार तो इलाज कराएं
- तेज बुखार आए तो तत्काल डेंगू की जांच कराए
- डेंगू से संक्रमित होने पर सबसे पहले तेज बुखार चढ़ता है। ऐसी दशा में तत्काल जांच कराना ठीक रहता है।
- वर्तमान समय कोई भी बुखार हो उसे डेंगू मानकर डेंगू के साथ ही अच्छी लैब से सीबीसी (कम्प्लीट ब्लड काउंट) जांच करानी चाहिए। इसी जांच से ब्लड में मौजूद तत्वों का पता चलता है। रिपीट करने से प्लेटलेट कम या ज्यादा की जानकारी हो जाती है।
सेक्टर-2 में डेंगू बढ़ रहा, ग्राउंड पर चेक किया, रोकथाम
“सेक्टर-2 की सड़क-3, 4 और 6 में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। लगातार कंफर्म रिपोर्ट आने के बाद ग्राउंड पर जाकर चेक किया गया है। निकायों को रोकथाम संबंधित गतिविधियों को वैज्ञानिक एप्रोच के साथ संचालित करने निर्देश दिए गए हैं। इनके अलावा बुखार के मरीजों की जांच के लिए तीन एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। हर बुखार के मरीज को ढूंढने सर्वे कराया जा रहा है।”
-डॉ. सीबीएस बंजारे, जिला मलेरिया अधिकारी दुर्ग
डेंगू आने के बाद मच्छरों को खत्म करने एंटी लार्वा अभियान चलाकर मच्छरों का अंडा, लार्वा सभी संभावित स्थानों से नष्ट किया जाता रहे। दूसरा यह कि एडल्ट मच्छरों को खत्म करने नियमित रूप से फॉगिंग जरूरी है। { बीमारी आने के बाद संक्रमितों को आइसोलेशन सबसे जरूरी है। क्योंकि पीड़ित व्यक्ति थोड़ा आराम होने पर घूमना शुरू कर देता है। पहले उसे काटने वाला अगर एक मच्छर संक्रमित हो तो घूमने से कई संक्रमित हो जाते हैं।