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छत्तीसगढ़ में 200 रुपए किलो बिक रहा टमाटर:सब्जियों की कीमतों ने बिगाड़ा लोगों का जायका और रसोई का बजट, जानिए क्या है वजह ?

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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही –

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। इसकी बड़ी वजह देशभर में हो रही भारी बारिश के कारण टमाटर की कम आवक बताई जा रही है। छत्तीसगढ़ में पहली बार टमाटर 200 रुपये किलो बिक रहा है। पेंड्रा के सब्जी बाजार में भी टमाटर 180 से 200 रुपये किलो के नए शिखर पर पहुंच गया, जबकि लगभग 2 महीने से इसकी कीमत 100 से 120 रुपए प्रति किलो थी।

बारिश का सीजन शुरू होने से ज्यादातर सब्जी उत्पादक किसान अन्य फसलों की खेती में जुट गए हैं, इसलिए भी बाजारों में लोकल सब्जियों की आवक कम होने से इसके दाम बढ़ गए हैं। टमाटर, बरबटी समेत लगभग सभी सब्जियों के दाम में काफी तेजी आई है। 10 से 20 रुपये प्रति किलो में बिकने वाला टमाटर अब 200 रुपए किलो में बिक रहा है। इसी तरह परवल 80 रुपये किलो, मुनगा 80 रुपए, बरबटी 50 रुपए और भिंडी 50 रुपये किलो बिक रही है।हरी सब्जियों की तुलना में आलू-प्याज के दाम कम हैं, इसलिए लोगों को इन्हीं से संतोष करना पड़ रहा है। हरी सब्जियों के दाम बढ़ने से लोगों का जायका बिगड़ गया है। बारिश के कारण सब्जियों के दाम बढ़ने से पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता की जेब खाली हो रही है।

रायपुर में गोभी 80 रुपये किलो, बैंगन 40 रुपये किलो, मिर्च 140 रुपये किलो, धनिया 140 रुपये किलो और अदरक 230 रुपये किलो तक बिक रहा है। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि अगर आवक में सुधार नहीं हुआ, तो कीमतें ऐसे ही रहेंगी। महिलाओं ने कहा कि पहले से ही रसोई गैस की महंगाई से त्रस्त उपभोक्ताओं का बजट अब टमाटर सहित सारी सब्जियों की कीमतों ने और बिगाड़ दिया है। महिलाओं का कहना है कि महंगाई के चलते अब सब्जियां खाना भी मुश्किल हो गया है। रसोई का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है।

टमाटर की कीमत बढ़ने के 4 कारण

कई राज्यों में बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है।

कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे उत्पादन में गिरावट आई है।

पड़ोसी राज्यों से पर्याप्त मात्रा में टमाटर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

कई जगहों पर इस साल टमाटर की बुआई पिछले साल के मुकाबले कम है।

बिपरजॉय साइक्लोन ने भी बढ़ाई मुश्किलें

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिपरजॉय साइक्लोन की वजह से भी टमाटर का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

गुजरात और महाराष्ट्र टमाटर का उत्पादन करने वाले टॉप राज्यों में शामिल है जहां बिपरजॉय का असर दिखा।

साइक्लोन की वजह से गुजरात में टमाटर उत्पादन प्रभावित होने का असर कीमतों के बढ़ने के रूप में सामने आया।

चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश

नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत है। ये करीब 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन उत्पादन के साथ टॉप पर है।

भारत में साल 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। यहां मुख्य तौर पर दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल। मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद सर्वाधिक टमाटर उगाने वाले राज्यों में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात का नंबर है।