नई दिल्ली-
पाकिस्तान से आई सीमा हैदर जासूस है या नहीं, इसकी जांच IB और ATS कर रही हैं। सीमा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है, जिसमें सचिन के साथ रहने की इजाजत मांगी गई है। भारत की नागरिकता के लिए भी अप्लाय कर दिया है। निर्भया केस में दोषियों का केस लड़ने वाले एपी सिंह सीमा के वकील हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट एपी सिंह हाल में ब्रजभूषण शरण सिंह के अलावा राम रहीम, संत रामपाल, स्वामी चिन्मयानंद और कंप्यूटर बाबा जैसी विवादित पर्सनैलिटी की कोर्ट में पैरवी कर चुके हैं।
सीमा के केस पर भास्कर ने एपी सिंह से बात की। वे कहते हैं कि सीमा का प्यार हीर-रांझा से भी ऊपर है। वो जासूस निकले, तो फांसी पर चढ़ा दीजिए। बेगुनाह हो तो, उसे अपनाया जाना चाहिए। अपनी दलीलों में वे अटल बिहारी वाजपेयी का किस्सा सुनाते हैं, कबीर-रहीम के दोहों का हवाला देते हैं।
सीमा को वापस पाकिस्तान भेजने पर वे कहते हैं कि दलाई लामा, अदनान सामी, रोहिंग्या, बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता मिल सकती है, तो सीमा को क्यों नहीं मिल सकती। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
सवाल: सीमा हैदर का केस लेने के पीछे क्या वजह थी, आपको क्यों लगता है कि उन्हें डिपोर्ट नहीं करना चाहिए?
जवाब: पहली बात सीमा हैदर नहीं, सीमा मीणा या सीमा सचिन मीणा बोलिए। रही बात केस लेने की, तो मेरे पास सभी केस इसी तरह के हैं। मैं तो कहता हूं कि डिपोर्ट नहीं, अगर गुनाह साबित हो तो आजीवन कारावास या फिर फांसी दे देना।
सवाल: आप कह रहे हैं कि सीमा मीणा बोलिए, लेकिन उनकी शादी का तो कोई प्रूफ नहीं है।
जवाब: शादी का प्रूफ है। काठमांडू में शादी हुई है। इसके फोटो हैं। हिंदू मैरिज एक्ट कहता है कि जहां जैसी व्यवस्था हो, वैसे ही शादी करो। सूर्य-चंद्रमा भी साक्षी हैं, हवा और धरती भी साक्षी हैं। इन्हें साक्षी मानकर किया विवाह हिंदू संस्कृति में मान्य है