रायपुर-
कहते हैं प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती.. राजधानी रायपुर के सरस्वती थाना क्षेत्र के कुकुरबेड़ा आमानाका की स्लम बस्ती में रहने वाली गंगा सोना ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है। ‘गुदड़ी की लाल’ सॉफ्टबॉल प्लेयर गंगा का चयन सितंबर के महीने में चीन में होने वाली 19वें एशियन गेम्स के लिए हुआ है। दैनिक भास्कर ने उनके संघर्षों और हौसलों को लेकर खास बातचीत की।
दैनिक भास्कर तंग गलियों से होते हुए गंगा सोना (19 वर्ष) को ढूंढते-ढूंढते उनके घर पहुंचा। गली के बाहर बिल्लस खेल रहे कुछ बच्चों ने हमें खिलाड़ी के घर तक पहुंचाया। हमने बच्चों को मोबाइल पर खिलाड़ी की फोटो दिखाई थी। दरवाजे पर गंगा की मां मिल गई, जिन्होंने बेटी को बुलाया। टूटे-फूटे टिन और लकड़ी के जुगाड़ से बने दरवाजे की हालत देखकर घर की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लग गया।
मां के आवाज लगाने पर टॉम बॉय हेयर कट में रेड कलर की जर्सी पहने हुए एक 19 साल की लड़की आई। मां ने बताया कि यही है मेरी बेटी गंगा सोना। गंगा सितंबर में चीन में आयोजित होने वाले महिला सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। गंगा सॉफ्टबॉल में बड़ी ही तेज पिचिंग (बॉल फेंकना) करने में माहिर है। इनकी पिचिंग की रफ्तार इतनी तेज है कि सॉफ्टबॉल के बल्लेबाज को गेंद नजर न आए। गंगा की इसी स्पोर्ट्स स्पिरिट्स ने उन्हें नेशनल में कई मेडल दिलवाए।
11 बार नेशनल चैंपियनशिप में किया छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व
गंगा सोना ने 11 बार नेशनल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया है। वे गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली टीम की सदस्य भी रही हैं। गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स, पुरी में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप और गोवा में आयोजित फेडरेशन कप टूर्नामेंट में प्रदर्शन के आधार पर गंगा सोना को इंडियन सॉफ्टबॉल टीम सेलेक्शन ट्रायल के लिए दिल्ली में आयोजित 15 दिवसीय इंडिया कैंप के लिए सिलेक्ट किया गया था। यहां शानदार प्रदर्शन बाद गंगा सोना का चयन भारतीय दल में किया गया है।
एशियाई खेलों में भारत की सॉफ्टबॉल टीम पहली बार ले रही हिस्सा
गंगा के साथ-साथ रायपुर की प्रीति वर्मा को भी टीम में रिजर्व खिलाड़ी के रूप में स्थान प्राप्त हुआ है। यह महत्वपूर्ण है कि एशियाई खेलों में भारत की सॉफ्टबॉल टीम पहली बार भाग ले रही है। टीम को इसके प्रदर्शन के आधार पर एशियाई खेलों में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली है।
खिलाड़ी गंगा सोना ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनका पासपोर्ट बन चुका है। वीजा भी मिल चुका है। अब बस उड़ने की तैयारी है। गंगा ने बताया कि ये सपना उनके भाई रोहित का था। वो भी सॉफ्टबॉल में नेशनल खेल चुका है। घर की तंगहाली के चलते रोहित के पास बस और ट्रेन के टिकट के लिए पैसे नहीं होते थे। इसके अलावा स्पोर्ट्स मैन के लिए जो डाइट होनी चाहिए, वो भी नहीं मिल पाती थी
इन सब अभावों के कारण भाई रोहित ने अपना सपना छोड़ निजी कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। हालांकि उसकी शुरू से इच्छा थी कि तंगहाली के कारण जिस तरह से उसे अपने सपनों से समझौता करना पड़ा, उसकी बहन को नहीं करना पड़े। गंगा ने बताया कि भाई ने उसे हमेशा प्रोत्साहित किया और कहा कि तुम्हें पैसों की कमी नहीं होने दूंगा। भाई ने बहन को सॉफ्टबॉल खेलने के लिए मोटिवेट किया। उसकी रुटीन प्रैक्टिस से लेकर गेम में पूरा सपोर्ट किया।
भाई की मेहनत रंग लाई और गंगा ने रविशंकर गवर्नमेंट हाई स्कूल में पढ़ते हुए छत्तीसगढ़ स्टेट का प्रतिनिधित्व सॉफ्ट बॉल में किया। उन्होंने नेशनल प्रतियोगिताएं भी खेलीं। कर्नाटक, गोवा, राजस्थान और दिल्ली में गंगा ने पहले जूनियर सॉफ्टबॉल टूर्नामेंट में कई मेडल जीते। फिर वो सीनियर (18+) में कई नेशनल प्रतियोगिताएं खेलीं। अब 19वें एशियन गेम्स का आयोजन सितंबर-अक्टूबर में चीन के होंगझोउ में होगा। जिसमें भारत की महिला सॉफ्टबॉल खिलाड़ी के रूप में गंगा भी इंडियन जर्सी में नजर आएंगी।