Home छत्तीसगढ़ बांटने वाली सोच को बदलो,फर्क इसी में है – साधना भारती

बांटने वाली सोच को बदलो,फर्क इसी में है – साधना भारती

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 हम सबकी एक जाति है मानव और एक धर्म है मानवता
रायपुर। 
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और लोधी समाज की उभरती विदुषी लोधी साधना भारती ने कहा कि बांटने वाली सोच को बदलो,फर्क सिर्फ एक दूसरे की सोच में है। हम सबकी एक जाति है मानव और एक धर्म है मानवता। आज के परिवेष में समाज ओर लोगों की बदलती मानसिकता को लेकर उन्होने काफी गंभीर बातें कहीं। वैसे तो खैरागढ़ उपचुनाव के सिलसिले में वे रायपुर पहुंची है लेकिन कुम्हारी टोल प्लाजा के समीप समाज के बन रहे लोधेश्वरधाम निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के पश्चात मीडिया से रूबरू हो रही थीं।
साधाना भारती ने खुद सवाल उठाया कि क्या हिन्दू का खून लाल है और मुसलमान का खून हरा है,क्या सिख,बौद्ध,पारसी और ईसाई का खून सफेद है,नहीं हम सबका खून लाल है,हम सबके खून का रंग एक ही है,क्या किसी के भी माथे पर परम पिता परमात्मा ने हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,बौद्ध या पारसी लिखा है? नहीं न। जब जिस्म बनाने वाले ने हम सब में कोई फर्क नहीं किया तो हम सब कौन होते हैं एक दूसरे में फर्क करने वाले।एक दूसरे को बांटने वाले।फर्क सिर्फ एक दूसरे की सोच में है,बांटने वाली सोच बदलो।बांटने वाली सोच से संसार को बचाओ,मानव हो तो मानवता अपनाओ।विश्वशान्ति का संदेश सबको समझाओ,सर्व धर्म समभाव की साधना का संसार बनाओ।

अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म अनुयायी लोधी लोधा लोध राजपूत एकता मिशन की मुख्य संयोजक और विश्वशान्ति की सशक्त संदेशवाहक विश्वविदुषी लोधी साधना भारती ने कहा कि सनातन सत्य को समझो,मानव हमारी एकमेव जाति है और मानवता हमारा एकमेव धर्म।मगर मानव समाज आज विभिन्न जातियों और विभिन्न धर्म संप्रदायों में बटा हुआ है,विभिन्न फिरकों,कुरियों और सरनेमों में बटा हुआ है। इस बटे हुए मानव समाज की संकुचित सोच को एकता में तभी बदला जा सकता है,जब विभिन्न जातियों के जागरूक लोग अपनी-अपनी जातियों के लोगों में विभिन्न धर्म संप्रदाय की दूरियों को मिटाकर एकता का भाव जगाएं या एक हो जाएं।उदाहरण के लिए जब हिन्दू धर्म की ब्राह्मण जाति,या हिन्दू धर्म की लोधी राजपूत जाति,या हिन्दू धर्म की गुज्जर जाति,मुस्लिम धर्म की ब्राह्मण जाति या मुस्लिम धर्म की लोधी राजपूत जाति या मुस्लिम धर्म की गुज्जर जाति में भेद भाव मिटाकर एकता का भाव जगाएंगी,तो आपसी कटुता और सरहदों की दूरियां स्वेम ही समाप्त होती जाएंगी।जब कटुता द्वेष और नफरत की दीवारें गिर जाएंगी तो फिर वैमनस्य की होड़,हथियारों की होड़ भी स्वत:ही समाप्त हो जाएगी।विभिन्न जाति धर्म संप्रदाय में बटा हुआ समाज  जिस दिन अपनी मूल जाति मानव और अपने मूल धर्म मानवता को समझ जाएगा उस दिन विश्व में शान्ति स्थापित हो जाएगी।