Home विदेश फ्लोर टेस्‍ट से पहले इमरान खान से मिले सेना और ISI के...

फ्लोर टेस्‍ट से पहले इमरान खान से मिले सेना और ISI के चीफ, विपक्ष ने की आलोचना

234
0

ऊपरी सदन के चुनाव में वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख की हार के बाद इमरान खान ने नेशनल एसेंबली में शनिवार को विश्वास मत हासिल करने की घोषणा की थी.

सीनेट के करीबी मुकाबले में सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ की हार के एक दिन बाद पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से मुलाकात कर राष्ट्रीय मुद्दों की समीक्षा की. ‘डॉन’ अखबार के मुताबिक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने राष्ट्रीय मुद्दों पर नागरिक और सैन्य नेतृत्व के बीच संवाद के तहत गुरुवार को प्रधानमंत्री खान से मुलाकात की. आईएसआई निदेशक जनरल लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी बैठक के दौरान मौजूद थे. बता दें कि इमरान खान ने फैसला किया है कि वो शनिवार को संसद में विश्वास मत हासिल करेंगे.

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि ‘आंतरिक और बाह्य’ स्थिति की समीक्षा के लिए यह बैठक आयोजित हुई. हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई बयान जारी नहीं किया गया. ऐसी बैठकों पर आम तौर पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार अब्दुल हाफिज शेख को करीबी मुकाबले में सीनेट चुनाव में हरा दिया था. खान के लिए यह बड़ा झटका था जिन्होंने वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख के लिए निजी तौर पर प्रचार किया था.

पाकिस्‍तान की नेशनल असेंबली में कल होगा फ्लोर टेस्ट
ऊपरी सदन के चुनाव में वित्त मंत्री की हार के बाद खान ने नेशनल एसेंबली में शनिवार को विश्वास मत हासिल करने की घोषणा की. प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के बीच बैठक की आलोचना करते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि सीनेट चुनाव के घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री के साथ सैन्य नेतृत्व को नहीं दिखना चाहिए.
ये भी पढ़ें: 14th ECO Summit: सत्ता संघर्ष के बीच इमरान खान की अपील, क्षेत्र में बढ़े परिवहन संपर्क और आर्थिक गतिविधियां

मरियम के हवाले से खबर में कहा गया, ‘क्या वह (प्रधानमंत्री) इन संस्थाओं को राजनीति में नहीं घसीट रहे.’ उन्होंने कहा इस समय बैठक से अच्छा संदेश नहीं गया है. उन्होंने कहा कि संस्थाओं को प्रधानमंत्री इमरान खान का समर्थन करना बंद करना चाहिए और संविधान में जिस भूमिका का उल्लेख है उसका निर्वहन करना चाहिए.