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कोरोना वायरस से चीन के शेयर बाजार में 13 साल की सबसे बड़ी गिरावट, डूबे 32 लाख करोड़

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कोरोना वायरस का असर लोगों के साथ साथ चीन के शेयर बाजार पर भी हुआ है। शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स में 8.5% गिरावट आ गई। यह 13 साल में सबसे ज्यादा है। शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 7.7% गिरकर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। यह चार साल की सबसे बड़ी गिरावट भी है। दोनों इंडेक्स की गिरावट से निवेशकों को 445 अरब डॉलर (32 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हो गया। चीन के शेयर बाजार के रेग्युलेटर ने कहा है कि बाजार की गिरावट से प्रभावित कंपनियों को 2019 के सालाना और 2020 के तिमाही नतीजे घोषित करने के तय समय में छूट दी जाएगी।

सेंसेक्स 137 अंक मजबूत, निफ्टी 62 अंक चढ़ा

घरेलू शेयर बाजार में सोमवार गिरावट पर लिवाली बढ़ने से थोड़ी रिकवरी आई। सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले करीब 137 अंकों की बढ़त के साथ 39,872 पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान 40,000 के ऊपर तक चढ़ा। निफ्टी भी 62 अंकों की बढ़त के साथ 11,700 के ऊपर बंद हुआ। इससे पहले शनिवार को आम बजट पर बाजार की निराशाजनक प्रतिक्रिया देखने को मिली थी और सेंसेक्स व निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई, लेकिन सोमवार को इसमें सुधार हुआ।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शनिवार की क्लोजिंग के मुकाबले 136.78 अंकों यानी 0.34 फीसदी की बढ़त के साथ 39,872.31 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार के दौरान सेंसेक्स का ऊपरी स्तर 40,014.90, जबकि निचला स्तर 39,563.07 रहा। सत्र के आरंभ में सेंसेक्स पिछले सत्र से 34.51 अंकों की कमजोरी के साथ 39,701.02 पर खुला था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सत्र के मुकाबले 62.20 अंकों यानी 0.53 फीसदी की तेजी के साथ 11,724.05 पर बंद हुआ। निफ्टी पिछले सत्र के मुकाबले 34.40 अंकों की बढ़त के साथ 11,627.45 पर खुला और कारोबार के दौरान 11,749.85 तक उछला, जबकि इसका निचला स्तर 11,614.50 रहा।

बीएसई मिड-कैप सूचकांक पिछले सत्र से 169.27 अंकों यानी 1.12 फीसदी की तेजी के साथ 15,288.92 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई स्मॉल-कैप सूचकांक पिछले सत्र से 15.30 अंकों की बढ़त के साथ 14,360 पर ठहरा।

बीएसई के 19 सेक्टरों में से 17 सेक्टरों के सूचकांकों में तेजी रही, जबकि दो सेक्टरों के सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। सबसे अधिक तेजी वाले पांच प्रमुख सेक्टरों में सूचकांकों में उपभोक्ता विवेकाधीन वस्तु एवं सेवा (1.86 फीसदी), आधारभूत सामग्री (1.54 फीसदी), रियल्टी (1.42 फीसदी), ऑटो (1.37 फीसदी) और धातु सेक्टर के सूचकांक(1.25 फीसदी) शामिल रहे जबकि टेक और आईटी के सूचकांकों में क्रमश: 1.34 फीसदी और 1.78 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

वितमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में आम बजट 2020-21 पेश किया जिस पर बाजार की प्रतिक्रिया विशेष कारोबारी सत्र के दौरान निराशाजनक रही है।

5 दिनों में 50 पैसे लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल में भी राहत

पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार पांचवें दिन जारी रहा। इन पांच दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 56 पैसे जबकि डीजल 49 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। तेल विपणन कंपनियों ने सोमवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में सात पैसे जबकि कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में छह पैसे प्रति लीटर की कटौती की है। वहीं, डीजल का दाम दिल्ली में पांच पैसे, कोलकाता और चेन्नई में आठ पैसे जबकि मुंबई में नौ पैसे प्रति लीटर कम हो गया है।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का दाम घटकर क्रमश: 73.04 रुपये, 75.71 रुपये, 78.69 रुपये और 75.89 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

वहीं, चारों महानगरों में डीजल की कीमत भी घटकर क्रमश: 66.09 रुपये, 68.46 रुपये, 69.27 रुपये और 69.81 रुपये प्रति लीटर हो गई है।

उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल दाम में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है और बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव घटकर 56 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक आ गया है। जिसके बाद आनेवाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में और राहत मिलने की संभावना बनी हुई है।

मांग में सुस्ती के कारण ऑटो सेक्टर की बिक्री में आई गिरावट

साल 2020 में ऑटो सेक्टर में गिरावट जारी है। मांग में कमी आने के चलते साल के शुरुआती जनवरी महीने में ऑटो सेक्टर की बिक्री में गिरावट आई है। सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की जनवरी 2020 के महीने में 1.6 फीसदी की वृद्धि के साथ 154,123 रही। जबकि इसके एक साल पहले इसी महाने में 151,721 यूनिट बिकी थी।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि दिसंबर 2019 में रिटेल डिमांड स्लो होने से कंज्यूमर सेगमेंट में कमजोरी का संकेत है। हालांकि जनवरी में निर्यात समेत टाटा मोटर्स की कुल बिक्री घटकर 47,862 रह गई, जबकि इसी महीने साल 2019 में 58,185 यूनिट बिक्री हुई थी। कंपनी की घरेलू बिक्री 18 फीसदी गिरकर साल दर साल आधार पर 45,242 रह गई। कमर्शियल वाहनों की बिक्री साल दर साल आधार पर 16 फीसदी घटकर 33,860 यूनिट हो गई, जबकि यात्री वाहनों की बिक्री 22 फीसदी घटकर 13,894 यूनिट हो गई।