Home क्षेत्रीय खबरें / अन्य खबरें नारियल से भी बड़ा है अमरूद का ये साइज, खरीदने से पहले...

नारियल से भी बड़ा है अमरूद का ये साइज, खरीदने से पहले चौंक जाते हैं ग्राहक…

33
0

मोरबी में नारियल के आकार से बड़े अमरूद की खेती की जा रही है. इस बात को सुनकर जरा भी चौंकने की जरुरत नहीं है, मोरबी के टंकारा तालुका में स्थित जबलपुर गांव के किसान द्वारा दूसरी खेती को छोड़कर अब जम्बो अमरूद उगाने की खेती की जा रही है. इन अमरूद का वजन 300 ग्राम से लेकर एक किलो 300 ग्राम तक है. और ये नारियल से भी बड़े दिखते हैं जो अब लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

ये सिर्फ दिखने में ही जम्बो नहीं है बल्कि ये स्वाद में भी काफी मीठे होते हैं. ठंड के मौसम में फ्रूट और हरी भरी सब्जियों का आना ज्यादा हो जाता है और ठण्ड के मौसम में लोगों के लिए जैसे मजे हो जाते हैं. खासकर फ्रूट की डिमांड ठंड में ज्यादा बढ़ जाती है. मोरबी जिले में स्थित जबलपुर गांव के एक किसान द्वारा नारियल से भी बड़ी साइज के जो अमरूद उगाए गए हैं वो लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. पहली बार सुनने पर स्वभाविक रूप से यह बात किसी के गले नहीं उतरती है लेकिन जब इन अमरूद को देखते हैं तो चौंके बिना नहीं रहते हैं.

गुजरात में कपास ,मूंगफली, गेंहू, बाजरा की खेती में किसान सालभर मेहनत करते हैं, उसके बदले में उनको उतनी आमदनी नहीं होती है. ये शिकायत किसान लगातार करते हैं. लेकिन जबलपुर गांव के जम्बो अमरूद उगाने वाले किसान प्रभुभाई को जब पूछा गया तो उन्होंने बताया की थाईलैंड के अमरूद को उगाने का निर्णय उन्होंने किया था और छत्तीसगढ़ के रायपुर से थाईलैंड के अमरूदके 5000 बीज लाकर उन्होंने खेतों में बो दिए. जिसमें से आज के दिन 4700 अमरूद के पेड़ों पर जम्बो अमरूद उग रहे हैं, किसान ने बताया कि अगर उन्होंने 25 बीघा जमीन में कपास उगाया होता तो वार्षिक मात्र 5 लाख रूपए की आय होती लेकिन अमरूद की खेती करने के बाद उनको साल में 15 लाख से ज्यादा की आय हो रही है.

6 साल पहले प्रभुभाई ने अमरूद की खेती की शुरुवात की थी और शुरुआत के दो साल तक और फसल को उगाने के बदले में सिर्फ अमरूद के पेड़ो को बड़ा करने पर ध्यान दिया और पेड़ बड़े हो गए. अब इन पेड़ों से 300 ग्राम से लेकर सवा किलो के अमरूद उगने लगे हैं और जहां छोटी साइज के अमरूद बाजार में बिक रहे हैं उनके साथ ही एक किलो से ज्यादा वजन के थाईलैंड अमरूद भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं.

खासकर राजकोट, जामनगर, दिल्ली और मुंबई में मोरबी के अमरूद भेजे जा रहे हैं. इन अमरूद की खास बात ये है कि ये दिखने में बड़े होने के साथ-साथ काफी मीठे और स्वादिष्ट हैं. लोग आम अमरूद तो खरीदते ही हैं लेकिन एक किलो से भी बड़े अमरूद अब गुजरात के जिलों के साथ देश के बाकि राज्यों में भी काफी प्रख्यात हो रहे हैं और लोग इन अमरूद को खरीदने के लिए सीधे खेतों तक भी पहुंच जाते हैं.

रुटीन खेती करके परेशान होने के बजाय प्रभुभाई ने अपनी खेती में परिवर्तन लाया और उसका 100 प्रतिशत फायदा उनको मिल रहा है. आज उनकी पूरी खेती की जमीन का इस्तेमाल भी हो रहा है और उनको दूसरी पैदावार होती है उसके समकक्ष इस खेती से ज्यादा फायदा मिल रहा है.