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छत्तीसगढ़ के तीन हजार से ज्यादा विद्यार्थी इंस्पायर अवार्ड के लिए पंजीकृत, मॉडल के लिए खाते में आएंगे 10 हजार

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छत्तीसगढ़ से इंस्पायर अवार्ड मानक योजनान्तर्गत सत्र 2019-20 के लिए तीन हजार 78 प्रतिभागी विद्यार्थियों का चयन हुआ है। इस सत्र में इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत राज्य के 14 हजार 520 विद्यालयों के पूर्व माध्यमिक और हाई स्कूल स्तर की कक्षा छठवीं से दसवीं तक 37 हजार 359 होनहार बालक-बालिकाओं ने ऑनलाइन नोमिनेशन किया था।

संचालक लोक शिक्षण एस. प्रकाश ने यह जानकारी देते हुए बताया की विगत सत्र 2018-19 में दर्ज कुल 10 हजार 363 विद्यार्थियों में से 681 विद्यार्थी चयनित हुए थे। इस सत्र में विगत सत्र 2018-19 की अपेक्षा अधिक विद्यार्थियों का चयन हुआ है।

इंस्पायर अवार्ड मानक योजना भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान और स्वायत्तशासी संस्थान के द्वारा संचालित की जाती है। इसमें राज्य के सभी हितग्राहियों कक्षा 6वीं से कक्षा 10वीं तक के विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए चयनित प्रतिभागियों को देश के कुछ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए 6 नम्बर और स्वर्ण, रजत, कास्य, सांत्वना पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों को 10 नवम्बर प्रदान किए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा इसमें चयनित विद्यार्थियों को सुकरा अवार्ड स्कीम के तहत जापान भ्रमण के लिए भेजा जाता है।

प्रत्येक माध्यमिक स्तर के विद्यालय से तीन नये आइडिया, हाई स्कूल स्तर के विद्यालय से दो नये आइडिया और ऐसे विद्यालय जहां पूर्व माध्यमिक शाला एवं हाई स्कूल एक साथ संचालित हो रहे हैं, वहां से 5 नये आइडिया के चयन के बाद पंजीयन कराया जा सकता है।

विद्यार्थियों के आइडिया के पंजीयन के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधान पाठक, प्राचार्य द्वारा या विज्ञान शिक्षक के सहयोग से पंजीयन की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है। पंजीयन आइडिया अथवा प्रोजेक्ट का स्वायत्तशासी संस्थान द्वारा चयन के बाद चयनित प्रतिभागियों को मॉडल बनाने के लिए 10 हजार रूपए उनके बैंक खाते में जमा किया जाता है।

चयनित विद्यार्थियों द्वारा आइडिया के अनुरूप मॉडल तैयार कर जिला, संभाग स्तर पर आयोजित प्रदर्शनी की प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागी शामिल होते हैं। जिला, संभाग स्तरीय प्रदर्शनी प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागी इसके बाद राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में भाग लेते हैं। इसमें चयन के बाद राज्य या राज्य के बाहर के एनआईटी या आईआईटी में स्वायत्तशासी संस्थान द्वारा प्रायोजित मेनटोरशिप कार्यक्रम में अपने प्रोटोटाइप मॉडल अथवा प्रोजेक्ट के संबंध में जानकारी देकर उसे और अच्छा बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मेनटोरशिप कार्यक्रम दो-तीन दिन आवासीय शिविर विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक और बहुत ही ज्ञानवर्धक होता है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों को मॉडल अथवा प्रोजेक्ट को और अच्छा बनाने, सुधारने के लिए आवश्यकतानुसार अधिकतम 50 हजार रूपए की राशि प्रदाए की जाती है।

प्रतिभागियों द्वारा मेनटरशिप कार्यक्रम के बाद मॉडल, प्रोजेक्टर में आवश्यक सुधार कर नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में शामिल कराया जाता है। राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में चयनित 60 मॉडल का प्रदर्शन राष्ट्रपति भवन में नवप्रवर्तन उत्सव (फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन) में किया जाता है। यहां प्रतिभोगियों को राष्ट्रपति से मुलाकात करने और चर्चा करने का सुअवसर प्राप्त होता है।

राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए चयनित प्रतिभागियों को देश के कुछ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए 6 नम्बर और स्वर्ण, रजत, कास्य, सांत्वना पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों को 10 नवम्बर प्रदान किए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा इसमें चयनित विद्यार्थियों को सुकरा अवार्ड स्कीम के तहत जापान भ्रमण के लिए भेजा जाता है।

संचालक लोक शिक्षण द्वारा राज्य के अधिक से अधिक विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के प्रति रूचि बढ़ाने, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्क क्षमता विकसित करने के लिए आगामी सत्र 2020-21 में राज्य के सभी पूर्व माध्यमिक विद्यालयों और हाई स्कूलों की कक्षा 6वीं से 10वीं तक के विद्यार्थियों को अधिक से अधिक इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में शामिल करने के लिए 50 हजार प्रतिभागियों के नामांकन का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिससे राज्य को अधिक से अधिक नन्हें बाल वैज्ञानिक प्राप्त होने का अवसर मिल सके।