Home क्षेत्रीय खबरें / अन्य खबरें अब अगर भगवान इंद्र की गद्दी भी BJP दे तो नहीं मंजूर...

अब अगर भगवान इंद्र की गद्दी भी BJP दे तो नहीं मंजूर – महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शिवसेना बोली…

36
0

महाराष्ट्र में कई दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक के बीच महाराष्ट्र में सरकार बनाने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस-एनसीपी की राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर सारे मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, सीएम पद को लेकर खबरें आ रही थीं कि एनसीपी ढाई साल का सीएम चाहती है, जबकि शिवसेना 5 साल का सीएम चाहती है। इन अटकलों के बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का बड़ा बयान आया है।शिवसेना 
5 साल तक शिवसेना का सीएम होगा- संजय राउत

सरकार गठन पर शिवसेना नेता ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। संजय राउत ने कहा कि राज्य में 5 साल तक शिवसेना का सीएम होगा। साथ ही ये भी कहा कि दो दिनों में इसपर फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी शिवसैनिक चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनें। वहीं, उन्होंने बीजेपी को लेकर कहा कि उनकी तरफ से कोई ऑफर नहीं आया है। शिवसेना नेता ने कहा कि बीजेपी के साथ बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं।

बीजेपी 
बीजेपी के साथ बातचीत के दरवाजे बंद-राउत

उन्होंने कहा कि बीजेपी कोई भी ऑफर दे तो शिवसेना उनके साथ सरकार नहीं बनाएगी। इसके पहले संजय राउत ने ट्वीट के जरिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कभी-कभी कुछ रिश्तों से बाहर आ जाना ही अच्छा होता है। अहंकार के लिए नहीं, स्वाभिमान के लिए।’ सरकार गठन की बात करें तो, पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें मीडिया में आई हैं कि शिवसेना चाहती है कि 5 साल तक उसकी पार्टी का सीएम हो, जबकि एनसीपी चाहती है कि ढाई साल का रोटेशनल सीएम हो। ऐसे में संजय राउत का ये बयान अहम हो जाता है कि राज्य में 5 साल तक शिवसेना का ही सीएम होगा।

वहीं, गुरुवार देर रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच 50-50 के फॉर्मूले को लेकर बातचीत हुई है। महाराष्ट्र में लगे राष्ट्रपति शासन के बीच सरकार बनाने की कोशिशें जारी हैं। विधानसभा चुनाव के नतीजे आए 28 दिन गुजर गए हैं लेकिन अभी तक राज्य में सरकार का गठन नहीं हो सका है। बता दें कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था जबकि एनसीपी-कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।