Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में भी प्रदूषण का खतरा, आतिशबाजी पर दो माह का बैन…

छत्तीसगढ़ में भी प्रदूषण का खतरा, आतिशबाजी पर दो माह का बैन…

22
0

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पराली की वजह से प्रदूषण बढ़ा हुआ है। ठंड शुरू होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। एक दशक पहले तक रायपुर और कोरबा देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में थे। कई तरह की कोशिशों के बाद इन दोनों शहरों के साथ पूरे राज्य की आबोहवा सुधरी है। इस वजह से पर्यावरण मंडल कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहा है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने राज्य में पटाखा फोड़ने पर दो महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध एक दिसंबर से 31 जनवरी तक प्रभावित रहेगा। इसकी वजह से क्रिसमस और न्यू ईयर के साथ ही शादी- विवाह आदि मौकों पर भी पटाखे नहीं फूटेंगे। ठंड के दौरान पिछले वर्ष भी पटाखों पर रोक लगाई गई थी।

औद्योगिक शहरों में ज्यादा खतरा

राज्य में प्रदूषण का सबसे ज्यादा खतरा रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, भिलाई और कोरबा में रहता है। राज्य के बड़े औद्योगिक सेंटर इन्हीं छह शहरों में है। इनमें स्पंज आयर और बिजली संयंत्र प्रमुख हैं। इन्हीं उद्योगों की वजह से प्रदूषण भी ज्यादा होता है। पर्यावरण संरक्षण मंडल के अफसरों के अनुसार इन संयंत्रों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ईएसपी समेत अन्य कई उपकरण लगाए गए हैं।

पटाखा प्रदूषण का बड़ा स्रोत

पर्यावरणविद् डॉ. शम्स परवेज के कहते हैं कि प्रदूषण बढ़ने के कई कारण है, लेकिन इनमें पटाखा की वजह से तुरंत प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में पटाखा पर रोक अच्छी पहल है।

इस वजह से ठंड में बढ़ता है प्रदूषण

पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार ठंड के मौसम में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है। इससे हवा में मौजूद हानिकारक कण ऊपर नहीं जा पाती हैं। इस वजह से प्रदूषण बढ़ता है।

दीपावली में कम रहा प्रदूषण

रायपुर समेत राज्य के ज्यादातर शहरों में इस वर्ष प्रदूषण कम हुआ। पर्यावरण मंडल के आंकड़ों के अनुसार रायपुर में औसत परिवेशीय वायु गुणवत्ता (पीएम-10) अर्थात हवा में धूल के कणों की संख्या इस वर्ष 73.66 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही, जो वर्ष 2017 में 82.04 माइक्रोग्राम दर्ज की गई थी। इसी तरह सल्फरडाई आक्साइड गैस का स्तर भी 8.14 प्रतिशत कम होकर 19.68 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर लगभग 4.43 प्रतिशत कम होकर 29.54 पाया गया, जबकि वर्ष 2017 में सल्फरडाई आक्साइड का स्तर 21.38 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर 30.91 पाया गया था।