Home जानिए इन पांच टमाटरों को खाने के लिए आपको चुकाने होंगे 50 लाख,...

इन पांच टमाटरों को खाने के लिए आपको चुकाने होंगे 50 लाख, होश उड़ा देगी ये रिपोर्ट

22
0

अगर कोई आपको कहे कि पांच टमाटर के लिए आपको 50 लाख रुपए चुकाने होंगे, तो ये सुनकर आपके होश उड़ना लाजमी हैं। हालांकि ये बात बिल्कुल सच है। दरअसल दुनिया के कर्ई देशों में महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है। यहां लोग बैग में रुपए भरकर सब्जी खरीदने जाते हैं।

आपको बता दें कि वेनेजुएला ऐसा देश है जहां बढ़ती महंगाई के चलते लोग दिन में एक बार ही खाना खाते है। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 5 टमाटर खरीदने के लिए लोगों को 50 लाख बोलिवर खर्च करने पड़ रहे हैं। बता दें कि बोलिवर वेनेजुएला की करंसी है। सबसे अधिक महंगाई दर के मामले में इजिप्ट (Egypt) है। इजिप्ट में महंगाई दर 20.83 फीसदी है। इस लिस्ट में 9वें नंबर पर लीबिया है, जहां महंगाई दर 23.09 फीसदी है। लीबिया के मुकाबले लीबेरिया में महंगाई दर 23.43 फीसदी है, जबकि, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में महंगाई दर 29.30 फीसदी है।स्टैटिस्टा की इस रिपोर्ट में मुताबिक, महंगाई दर के मामले में ईरान छठे स्थान पर है। तेल उत्पादन के लिए प्रमुख देशों में से एक ईरान में महंगाई दर 31.17 फीसदी है।

दक्षिण सुडान में महंगाई दर 83.49 फीसदी है। महंगाई दर के मामले में पहले पायदान पर दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला है। वेनेजुएला में महंगाई दर 92,978.5 फीसदी है। वेनेजुएला में कई कारणों की वजह से हाइपर इन्फ्लेशन का दौर देखने को मिल रहा है। एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 5 टमाटर खरीदने के लिए लोगों को 50 लाख बोलिवर खर्च करने पड़ रहे हैं। दुनियाभर में सबसे अधिक महंगाई दर के मामले में पांचवें स्थान पर अर्जेंटीना है।

मौजूदा समय में अर्जेंटीना में महंगाई दर 34.28 फीसदी है।इसके बाद चौथे स्थान पर यमन है, जहां की महंगाई दर 41.77 फीसदी है। इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर सुडान है, जहां की महंगाई दर 63.29 फीसदी है। मौजूदा समय में भारत की महंगाई दर 3.5 फीसदी है।लेकिन, कुछ ऐसे भी देश हैं जहां महंगाई दर अब तक के रिकॉर्ड स्तर पर हैं। इसे हाइपर इन्फ्लेशन (Hyper Inflation) भी कहा जाता है। किसी भी देश में हाइपर इन्फ्लेशन की स्थित तब आती है, जब वहां पर लागातार 30 दिनों का महंगाई दर 50 फीसदी प्रति माह से अधिक होता है। हाइपर इन्फ्लेशन की वजह से इन देशों में रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए भी लोगों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है।