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छत्तीसगढ़ : पीएम आवास बनाने शहर में कई हितग्राहियों के पास पर्याप्त जमीन नहीं

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0 150 से 200 स्क्वेयर फीट जमीन वाले हितग्राही परेशान

फोटो – 24 डीएचए 10

कैप्शन- नगर निगम धमतरी।

धमतरी। नईदुनिया प्रतिनिधि

शहर में रहने वाले कई गरीब परिवार के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है, लेकिन उनके नाम से पर्याप्त जमीन नहीं है। कोई 150 तो कोई 200 स्क्वेयर फीट जमीन के मालिक है। ऐसे में निगम के इंजीनियर पीएम योजना की नियमावली बताकर कुछ हितग्राहियों को कम जमीन होने का हवाला देकर उनके आवास नहीं बना रहे हैं। इसे लेकर हितग्राहियों की चिंता बढ़ गई है।

शहर के 40 वार्डों में कच्चा मकान पर रहने वाले जरूरतमंद करीब एक हजार से अधिक गरीब परिवार के लोगों को केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। इनमें कुछ ऐसे भी हितग्राही है, जिनके नाम पीएम आवास योजना स्वीकृत है, लेकिन आवास बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त जमीन नहीं है। कुछ हितग्राही 150 तो कोई 200 स्क्वेयर फीट के मालिक है। जबकि पीएम आवास योजना के तहत इंजीनियरों के अनुसार आवास बनाने के लिए 300 स्क्वेयर फीट का जमीन होना अनिवार्य है। यही वजह है कि ऐसे जरूरतमंद परिवारों को नगर निगम के इंजीयिनरों द्वारा पीएम आवास योजना की नियमावली बताकर कम जमीन पर आवास बनाना संभव नहीं होने की जानकारी दिए है। आवास स्वीकृत हुए महीनों बीत गए है, फिर भी जरूरतमंदों का कम जमीन होने के कारण आवास नहीं बन पाया है। सदर बाजार के पास रहने वाले एक युवक ने बताया कि उनके मां के नाम पर पीएम आवास स्वीकृत हुआ है, लेकिन कम जमीन बताकर आज तक उनका आवास नहीं बनाया गया है। ऐसे में वह आवास बनाने के लिए इसके निराकरण की मांग को लेकर नगर निगम व शासन-प्रशासन के दफ्तरों का महीनों से चक्कर लगा रहे हैं, कोई उचित उपाय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वह कच्चा मकान में रहने मजबूर है। बारिश के चलते इस साल उन्हें परिवार सहित कच्चा मकान में रहने के लिए दिक्कत हुआ। यदि योजना के तहत पक्का मकान बन जाता, तो वे पक्के मकान में सही तरीके से रह पाते। क्योंकि उनके छोटे बच्चे है। कच्चे मकान में दहशत बना रहता है। कई बार मकान ढहने का डर सताता रहता है। उन्होंने शासन से अपने कम जमीन पर ही पीएम आवास योजना के तहत मकान बनाने की मांग की है। शहर के 40 वार्डों में ऐसे कई हितग्राही है, जिनके नाम से आवास स्वीकृत तो है, लेकिन कम जमीन होने के कारण नहीं बन पाया है। जबकि शहर के कई स्थानों पर कुछ परिवारों के लिए एक मंजिला आवास बनाया गया है। इसी तरह नगर निगम कम जमीन वाले हितग्राहियों के लिए कोई उचित उपाय करें, ताकि योजना के तहत इन परिवारों का आवास बन सके। क्योंकि वे मजदूरी कर जीवनयापन करने वालों में से है। योजना से नाम कट गया, तो ऐसे परिवार के लोग बढ़ती महंगाई के इस जमाने में जिंदगी भर मकान नहीं बना सकेंगे। इस संबंध में जानकारी लेने नगर निगम आयुक्त के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।