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छत्तीसगढ़ : धुंधली आंखों को रोशन करने के लिए पहुंची लाइफ लाइन एक्सप्रेस, मगर नहीं हो सका इलाज

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लाइफ लाइन एक्सप्रेस में पिछले पांच दिन से चल रहे मोतियाबिंद व नेत्र संबंधित रोगियों की ओपीडी बुधवार को बंद कर दी गई। अंतिम दिन तक दो हजार से अधिक लोग पंजीकृत किए जा चुके हैं। इनमें 362 मरीज ऐसे भी हैं, जिनकी धुंधली आंखों से मोतिया निकालने ऑपरेशन की जरूरत है। पर उन्हें उनकी बीमारी से मुक्त कर दृष्टि को रौशन करने उनका बढ़ा हुआ बीपी और शुगर आड़े आ रहा है। 18 अक्टूबर तक नेत्ररोगियों का इलाज जारी रहेगा, तब तक बीपी-शुगर नॉर्मल होने का इंतजार किया जाएगा।

इन पांच दिनों में चिन्हांकित किए गए मोतियाबिंद से पीड़ित ऐसे मरीज, जिनका बीपी-शुगर बढ़ा हुआ है, उनका ऑपरेशन बीपी-शुगर सामान्य होने के बाद करने की बात कही जा रही है। नेत्र व अन्य रोगों के उपचार के लिए पांचवें दिन तक दो हजार से अधिक मरीजों ने पंजीयन कराया है।

800 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है। इसमें ऑपरेशन कराने वाले में 347 मरीज हैं। लाइफ लाइन एक्सप्रेस में नेत्र रोग का इलाज कराने खासी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं। इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले मरीजों का बीपी और शुगर चेक को प्राथमिकता दी जा रही है।

ऑपरेशन की प्रक्रिया में चिकित्सकों की ओर से प्राथमिक परीक्षण के तौर पर बीपी और शुगर का माप अनिवार्य है। पिछले चार दिन के भीतर ऑपरेशन के लिए पहुंचने वाले मरीजों में 362 ऐसे में मरीज भी पाए गए हैं, जिनका बीपी और शुगर असामान्य होने के कारण उन्हें सामान्य होने की स्थिति तक इलाज के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। शुगर सामान्य नहीं होने के कारण कई मरीज ठहरने के लिए चिन्हांकित जगह की बजाय घर वापस होना उचित समझ रहे हैं।

14 ओरल व गर्भाशय कैंसर में 27 स्क्रीनिंग

नेत्र रोग के अलावा कैंसर, अस्थिरोग, कान, मिरगी, दांत के रोगों का इलाज भी किया जाएगा। उनका पंजीयन भी जारी है। अब तक की स्थिति पर गौर करें तो मुख के कैंसर से पीड़ित अब तक 14 व गर्भाशय कैंसर के लिए 27 मरीजों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनका आगामी दिनों में इलाज किया जाएगा।

नेत्र रोग ऑपरेशन के बाद उक्त रोगों का भी क्रमिक इलाज शुरू होगा। ऑपरेशन बोगी के सामने मरीजों की बढ़ रही भीड़ के चलते निर्धारित पंजीकृत सीरियल से प्रवेश दिया जा रहा है।

ओपीडी बंद पर नहीं लौटाए जाएंगे नए मरीज

नेत्र रोग के लिए परीक्षण और लाइफ लाइन एक्सप्रेस के प्रभारी अनिल प्रेमसागर का कहना है कि पंजीयन का बुधवार को अंतिम दिन था, बावजूद इसके अगर आगे भी नए मरीज आते हैं तो उन्हें बिना इलाज के नहीं लौटाया जाएगा।

बाह्यरोगियों के साथ अब तक पंजीकृत किए जा चुके नेत्र संबंधी रोगों से ग्रसित मरीजों का इलाज भी 18 अक्टूबर तक किया जाता रहेगा। बुधवार से केवल ओपीडी खत्म हुआ है, इलाज 18 अक्टूबर तक जारी रहेगा। इसके बाद भी नए मरीज आए तो उन्हें भी जरूर देखा जाएगा।

18 से शुरू होगा ईएनटी में पंजीयन

लाइफ लाइन एक्सप्रेस में मोतियाबिंद व नेत्ररोग से संबंधित केवल बुधवार को 51 ऑपरेशन किए गए। बुधवार तक की स्थिति में पिछले पांच दिन के दरम्यान दो हजार से अधिक मरीज पंजीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें 800 से अधिक की जांच व इलाज किया जा चुका है, जबकि पंजीकृत हुए शेष मरीजों का इलाज आगामी दिनों में किया जाएगा। इस दौरान 800 से अधिक चश्में के ऑर्डर दिए जा चुके हैं, जिनका वितरण भी किया जाएगा। अब तक 347 ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए जाने की बात कही गई है।

अब बने दिखत हे, लाइफ लाइन ला धन्यवाद

कलेक्टर से ग्रामीणों ने जताई खुशी

बुधवार की सुबह जिला अस्पताल पहुंची कलेक्टर किरण कौशल से मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन के बाद ग्रामीणों ने खुशी-खुशी मुलाकात की। उन्होंने लाइफलाइन एक्सप्रेस व डॉक्टरों का आभार जताया। कलेक्टर के पूछने पर काशीनगर की संतोषी बाई, केराबाई और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि अब बनें दिखत हे, सब साफ-साफ नजर आवत हे, दुनिया के रंग ला फिर से देखथन।

कलेक्टर ने मरीजों के बाद जांच कर रहे डॉक्टरों से भी मुलाकात की व भर्ती मरीजों का हाल-चाल जाना। मरीजों ने एक ओर खाने-पीने, इलाज-दवाई व रहने की व्यवस्था की तारीफ की तो रोज-रोज इलाज के लिए लगने वाले इंजेक्शनों का भय भी कलेक्टर के समक्ष व्यक्त किया।