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भारत के हर रेल यात्रियों को मालूम होना चाहिए टर्मिनस, जंक्शन और सेंट्रल के बीच का ये फर्क

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भारतीय रेल दुनिया के कुछ सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में शुमार होता है। एशिया में तो भारतीय रेल ही सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। हर दिन लाखों लोग भारतीय रेल में सफर करते हैं। कुछ लोग तो लगभग रोज़ ही भारतीय रेल में सफर करते हैं। लेकिन गारंटी है कि इन लोगों को भी नहीं मालूम होगा कि भारतीय रेल के किसी टर्मिनस, सेंट्रल या जंक्शन में क्या फर्क होता है। अगर आपको भी ये फर्क मालूम नहीं है तो चलिए आज आप सही जगह आ गए हैं। आज हम आपको बताएंगे इन तीनों का डिफरेंस।

1- टर्मिनस

वैसे आपने अधिकतर टर्मिनल शब्द ज़्यादा सुना होगा। कभी-कभार ही आपने टर्मिनस शब्द सुना होगा। आपको बता दें कि टर्मिनस और टर्मिनल एक ही चीज़ हैं। भारत में पूरे 27 टर्मिनस बने हैं। लोकमान्य तिलक और छत्रपति शिवाजी भारत के दो सबसे बड़े टर्मिनस हैं।

2- सेंट्रल

ऐसे स्टेशन्स जहां रेलगाड़ियों का आना-जाना लगा ही रहता है, उन्हें सेंट्रल कहते हैं। भारत में कुल 5 सेंट्रल स्टेशन्स हैं। इन स्टेशन्स पर हमेशा यात्रियों की भीड़ जमा रहती है। ये 5 सेंट्रल स्टेशन्स हैं कानपुर सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, मुंबई सेंट्रल, मैंगलौर सेंट्रल और त्रिवेंद्रम सेंट्रल।

3- जंक्शन

ऐसे रेलवे स्टेशन्स जहां ट्रेन्स की आवाजाही के लिए कम से कम तीन रूट बने हों, उन्हें जंक्शन कहा जाता है। किसी जंक्शन पर एक साथ तीन दिशाओं से रेलगाड़ियां आ सकती हैं और जा सकती हैं। मौजूदा समय में भारत में 300 जंक्शन्स मौजूद हैं। मथुरा जंक्शन भारत का सबसे बड़ा जंक्शन है, क्योंकि इसमें पूरे 7 रूट हैं।

4- स्टेशन

भारत में मौजूदा समय में 8 हज़ार से भी ज़्यादा स्टेशन्स मौजूद हैं। स्टेशन उस जगह को कहा जाता है जहां रेल यात्रियों को रेलगाड़ी में सामान चढ़ाने या उतारने की छूट होती है।