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बाढ़ राहत के लिए पहुंची मोटरबोट, चलाने के लिए पेट्रोल नहीं

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बिहार में कुदरत की ऐसी मार पड़ी है कि राजधानी पटना समेत आधा राज्य बेहाल है. शहर के ज्यादातर इलाके बाढ़ में डूबे हुए हैं और बारिश के आसार अभी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पटना में हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. सड़कें समंदर बन गई हैं. चारों तरफ कुदरत के प्रकोप से हाहाकार मचा है.

बिहार में बाढ़ और बारिश से अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है. मौसम विभाग ने राज्य के 14 जिलों में आज भी भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. जिन सड़कों पर गाड़ियां चलती थीं वहां नाव तैर रही हैं. कुछ इलाकों में घर बाढ़ के पानी में ऐसे डूब गए हैं कि उनके ग्राउंड फ्लोर का तो पता ही नहीं चल रहा.

राहत एवं बचाव के इंतजाम

इस बीच, पटना के एसके पुरी इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम मोटरबोट लेकर पहुंची. लेकिन बोट को चलाने के लिए उनके पास पेट्रोल नहीं है. जिसकी वजह से एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद नहीं कर पा रही है. बारिश-बाढ़ से हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों को अपने घरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि अधिकतर संकरी गलियां पानी से भरी हुई हैं. लोगों की मदद के लिए कई जगहों पर नावों की तैनाती की गई है.

उपमुख्यमंत्री सहित 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों के घर में घुसा पानी

बिहार में भारी बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सतेंद्र नारायण सिंह एवं जीतन राम मांझी के घरों में भी पानी घुस गया है. राज्य में कई जगह बाढ़ का पानी घरों, दुकानों और अस्पतालों में घुस गया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के राजेंद्र नगर स्थित आवास में पानी भर गया है. बारिश की वजह से ट्रेनों की आवाजाही, सड़क परिवहन पर असर पड़ा है.

अस्पताल में घुसा पानी

पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में इलाज करा रहे मरीजों पर तो दोहरी मार पड़ी है. एक तो बीमार ऊपर से बाढ़ का कहर. बेड पर मरीज हैं और नीचे तक पानी भर आया है. कई वार्ड इसी तरह से जलमग्न हैं. डॉक्टर अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और गंभीर मरीजों का ऑपरेशन तक टल गया है.