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छत्तीसगढ़ : किसान-मजदूर के बच्चों के लिए अब इंजीनियरिंग और मेडिकल का रास्ता होगा आसान

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आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब परिवार के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा की पढ़ाई आसान करने वाली जन सहयोग से चल रही हमन-36 संस्था ने मंगलवार को साक्षात्कार के जरिए नए बैच के छात्र-छात्राओं का चयन किया। हर बच्चे का करीब आधे घंटे तक विशेषज्ञों ने साक्षात्कार लेकर चयन किया है। इसमें ज्यादातर गरीब, मजदूर और किसानों के बच्चों का चयन हुआ है। हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बेटा या बेटी इंजीनियर और डॉक्टर बने। इस सपने को पूरा करने के लिए ही हमन-36 संस्था की शुरूआत हुई है। गौरतलब है कि हमन- 36 के अंतर्गत इंजीनियरिंग-मेडिकल की मुफ्त कोचिंग पाने के लिए रायपुर से 11वीं के कक्षा से करीब 500 गणित और जीव विज्ञान के बच्चों ने किस्मत आजमाई थी। 25 अगस्त को परीक्षा आयोजित हुई थी।

गणित समूह से इन बच्चों का हुआ चयनः गणित समूह में आइआइटी की तैयारी करने के लिए खल्लारी चौक बांसटॉल रायपुरा के देवा कुमार साहू, सिवनी रायपुर के गिरीश साहू, सेजबहार के नागेश्वर डहरिया, पथरी रायपुर की दीक्षा वर्मा, पाहंदा दुर्ग की ज्यातिकिरण साहू, डगनिया रायपुर के चंद्रेश देवांगन का चयन हुआ है। वहीं प्रतीक्षा सूची में अभनपुर की अहिल्या टंडन का नाम है।

जीवविज्ञान समूह से इनका चयनः जीवविज्ञान समूह में पालोद रायपुर से हेमलता धीवर,बुडेरा रायपुर से वैशाली कोसरिया, सुंदरनगर रायपुर से हिमांशु निर्मलकर, खम्हरिया महासमुंद से चंद्रासिनी, पुरी धमतरी से जय प्रकाश देवांगन, सिवनी अभनपुर से सेतकुमारी का चयन हुआ है। इस समूह में प्रतीक्षा सूची के अंतर्गत महामायापारा मांढर से मोनिका साहू का नाम शामिल है।

यह होगा बच्चों को फायदा

हमन-36 में चयनित हुए बच्चों को मोशन शिक्षण संस्थान रायपुर की ओर से कोटा के विशेषज्ञ उपलब्ध कराए जाएंगे। यह संस्थान 11वीं के छात्र-छात्राओं को परीक्षा में चयनित होने के बाद जेईई एडवांस, नीट, एम्स जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेष मुफ्त कोचिंग देगी। बता दें कि एक साल पहले वर्तमान लोक शिक्षण संचालनालय के सहायक संचालक एएन बंजारा के नेतृत्व में इस संस्था को गठित किया गया था। उन्होंने सुपर -30 की तर्ज पर हमन-36 संस्था गठित की। इसमें बच्चों से बिना फीस के ही प्रवेश परीक्षा ली गई। समिति बिना किसी सरकारी मदद के जन सहयोग से ही बच्चों के पढ़ने-पढ़ाने, रहने-खाने आदि की व्यवस्था करती है। समिति गठित होते ही कई उत्साही एवं जागरूक शिक्षा विभाग के अफसर, प्राचार्य, प्रधानपाठक और शिक्षक लगातार जुड़ रहे हैं। लिहाजा सरकारी स्कूल के शिक्षक, प्राचार्य, अधिकारियों के बलबूते चल रहे इस संस्थान से आर्थिक रूप से पिछड़े मजदूर और किसानों के बच्चों के लिए डॉक्टर और इंजीनियर बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। गौरतलब है कि हमन -36 से एक साल पहले ही 2018-19 में सफल छात्र निकले हैं।

अंतिम चयन किया गया है

सत्र 2019-20 एवं सत्र 2020-21 के लिए सरकारी स्कूलों से 11वीं में गणित और विज्ञान की पढ़ाई कर रहे बच्चों की परीक्षा ली गई थी। इसके बाद प्रावीण्य सूची से एक-तिहाई के अनुपात में बच्चों का साक्षात्कार लेकर अंतिम चयन किया गया है।

– एएन बंजारा, परीक्षा संयोजक व सहायक संचालक, स्कूल शिक्षा