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देश में बंजर की तुलना में 11 गुना ज्यादा है खेती योग्य जमीन

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केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना है कि वह अगले 10 साल में 50 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को खेती के योग्य बनाएगी. इससे करीब 75 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि भारत में 2 से 13 सितंबर तक संयुक्त राष्ट्र सीसीडी कॉप-14 (UNCCDCOP14) यानी यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन सम्मेलन होने वाला है. लोकसभा में पेश आंकड़ों को माने तो देश में बंजर जमीन की तुलना में 10.70 गुना ज्यादा खेती योग्य जमीन है.

आपको बता दें कि देश में इस समय 1.69 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन है. जिसे खेती योग्य बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. जुलाई में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया गया था कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर 16,996,000 हेक्टेयर जमीन बंजर या खेती योग्य नहीं है. इसे सुधारने के लिए केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों की सरकारों से मिलकर काम करेगी. लोकसभा में पेश 2014-15 के आंकड़ों को मानें तो देश में खेती योग्य जमीन साल दर साल बढ़ रही है.

आइए जानते हैं कि देश में कितनी जमीन बंजर है, कितनी उपजाऊ है, कितने लोग खेती में लगे हैं…

देश में 16,996,000 हेक्टेयर जमीन बंजर है

देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल मिलाकर 16,996,000 हेक्टेयर जमीन बंजर या खेती योग्य नहीं है. जुलाई में लोकसभा में पेश दस्तावेजों को अनुसार सबसे ज्यादा बंजर जमीन वाले पांच राज्य हैं – गुजरात (25.52 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (24.03 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (17.27 लाख हेक्टेयर) और मध्यप्रदेश (13.57 लाख हेक्टेयर). वहीं, सबसे कम बंजर जमीन वाले राज्य हैं – मणिपुर (1000 हेक्टेयर), अंडमान-निकोबार (2000 हेक्टेयर), नगालैंड (2000 हेक्टेयर), मिजोरम (6000 हेक्टेयर) और पश्चिम बंगाल (11 हजार हेक्टेयर). जबकि, पुडुचेरी और दादर-नगर हवेली ऐसे राज्य हैं जहां बंजर जमीन है ही नहीं.

18.18 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर होती है खेती

देश में कुल 181,886,000 हेक्टेयर जमीन है जिसपर खेती होती है. सबसे ज्यादा खेती योग्य यानी उपजाऊ जमीन इन पांच राज्यों में है- राजस्थान (2.55 करोड़ हेक्टेयर), महाराष्ट्र (2.10 करोड़ हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (1.80 करोड़ हेक्टेयर), मध्यप्रदेश (1.72 करोड़ हेक्टेयर) और कर्नाटक (1.28 करोड़ हेक्टेयर). सबसे कम खेती योग्य जमीन इन 5 राज्यों में है – चंडीगढ़ (1000 हेक्टेयर), लक्षद्वीप (2000 हेक्टेयर), दमन-दीव (3000 हेक्टेयर), दादर-नगर हवेली (24 हजार हेक्टेयर) और पुडुचेरी (29 हजार हेक्टेयर). 18.18 करोड़ हेक्टेयर जमीन में 15.52 करोड़ हेक्टेयर जमीन शुद्ध रूप से खेत हैं. जबकि, 2.66 करोड़ हेक्टेयर जमीन, खेत नहीं हैं लेकिन इनपर फसलें, सब्जी या फल उगाए जाते हैं.

14.01 करोड़ हेक्टेयर पर फसलें लगीं, सिंचाई सिर्फ 6.83 करोड़ हेक्टेयर पर ही

2014-15 में देश में 6.83 करोड़ हेक्टेयर खेतिहर जमीन के लिए सिंचाई की व्यवस्था है. यानी इनकी सिंचाई नहरों, पंप जैसे मानव निर्मित माध्यमों से होती है, जबकि बाकी खेतों की सिंचाई बारिश पर आधारित है. देश में कुल 14.01 करोड़ हेक्टेयर खेतों पर फसलें लगाई गई थीं. इनमें से 6.83 करोड़ हेक्टेयर पर सिंचाई की गई, जबकि 7.17 करोड़ हेक्टेयर जमीनों पर सिंचाई नहीं हुई.

26.31 करोड़ किसान हैं देश में, इनमें से 14.43 करोड़ खेतिहर मजदूर हैं

लोकसभा में पेश वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार इस समय देश में 263,142,470 करोड़ किसान हैं. सबसे ज्यादा किसानों वाले पांच राज्य हैं – उत्तर प्रदेश (3.89 करोड़), महाराष्ट्र (2.60 करोड़), बिहार (2.55 करोड़), आंध्र प्रदेश (2.34 करोड़) और मध्यप्रदेश (2.20 करोड़). सबसे कम किसानों वाले पांच राज्य हैं – लक्षद्वीप (0), दमन-दीव (3088), चंडीगढ़ (4265), अंडमान-निकोबार (21,348), दादर-नगर हवेली (45,963) और गोवा (58114). इन 26.31 करोड़ किसानों में से 14.43 करोड़ खेतिहर मजदूर हैं. जबकि, बाकी 11.88 करोड़ खेत के मालिक किसान हैं.