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गृहमंत्री अमित शाह की नक्सल प्रभावित राज्यों के CM के साथ बैठक, ममता-KCR रहे दूर…

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नक्सल समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) तैयारी कर रही है. इस सिलसिले में सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. बतौर गृहमंत्री शाह ने पहली बार नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर नक्सल समस्या पर चर्चा की. बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बिहार के CM नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन रेड्डी शामिल हुए. जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और तेलंगाना के सीएम केसीआर शामिल नहीं हुए.

इस बैठक में 10 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया था. कांग्रेस शासित प्रदेशों के शामिल होने से यह साफ है कि नक्सल समस्या से निपटने के लिए कांग्रेस भी सरकार के साथ खड़ी है. बैठक में केंद्रीय बलों के प्रमुख और राज्य सरकारों के पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं.

नक्सलियों के खिलाफ तेज़ होंगे ऑपरेशन

नक्सल समस्या पर गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ ट्राईजंक्शन (सीमा) पर बढ़ती नक्सल गतिविधियों पर बैठक में चर्चा हुई. इसमें तीनों राज्यों के सहयोग पर ज़ोर दिया गया. नक्सलियों की अवैध संपत्ति, फंडिंग पर कैसे रोक लगे इसपर भी चर्चा की गई. इसके लिए हर एक नक्सल प्रभावित ज़िले की समीक्षा की जाएगी, नक्सलियों की मौजूदगी और हिंसा के ग्राफ पर भी बात की गई.

नक्सलवाद से ज्यादा प्रभावित हैं छोटे राज्य

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि छोटे राज्य नक्सलवाद से ज्यादा प्रभावित हैं. राज्य के विभिन्न मुद्दे आज के बैठक में उठाए गए.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में नक्सल हिंसा में कमी आई है. 2009-13 में जहां हिंसा के 8,782 मामले दर्ज हुए, वहीं 2014-18 में केवल 4,969 हिंसा के मामले दर्ज हुए. ये संख्या पहले के मुकाबले 43.4 कम है. वहीं, 2014-18 में 1321 लोगों के जानें गईं, जोकि 2009-13 के मुकाबले 60.4 प्रतिशत कम है।

इस साल पहले पांच महीनों में नक्सल हिंसा के 310 मामले दर्ज हुए जिसमें 88 लोगों की जान गई.केंद्र ने कहा है कि अब नक्सल समस्या मात्र 60 ज़िलों तक सिमट गई है और दो तिहाई हिंसा केवल 10 ज़िलों तक ही सीमित है. 2015 में पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलवाद से निपटने के लिए एक व्यापक योजना बनाई थी.