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जम्मू-कश्मीरः अब उठी एसआरओ 492 को खत्म करने की मांग, जानिए इसके बारे में कुछ विशेष बातें

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चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू ने एसआरओ 492 के तहत ऑल मोटर व्हीकल वन टाइम टैक्स नौ फीसदी को तत्काल प्रभाव से खत्म करने की मांग की है। चैंबर पदाधिकारियों के अनुसार इससे ऑटो मोबाइल से जुड़े व्यापार के साथ उपभोक्ताओं को प्रभावित होना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं की जेब पर टैक्स के नाम पर बोझ बढ़ा दिया गया है। ट्रांसपोर्ट विभाग जेएंडके ने राज्य के हितधारकों को विश्वास में लिए बिना ऐसा आदेश जारी कर दिया है। राज्यपाल को शीघ्र हस्तक्षेप कर उक्त एसआरओ को खत्म करना चाहिए। चैंबर हाउस में बुधवार को पत्रकारों से रूबरू होते हुए चैंबर प्रधान राकेश गुप्ता ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग ने अचानक सभी नए वाहनों पर वन टाइम टैक्स नौ फीसदी और 1.5 लाख रुपये से अधिक मोटरसाइकिल पर 10 फीसदी टैक्स कर दिया है, जबकि पड़ोसी राज्यों में हिमाचल, पंजाब में तीन से छह फीसदी पंजीकरण फीस ली जा रही है और इसमें जीएसटी बाहर है। 

जेएंडके में बेसिक कीमत के साथ जीएसटी को शामिल किया जा रहा है। ऑटो सेक्टर में तीस फीसदी तक गिरावट आई है। ऑटो मोबाइल उत्पादक प्लांट को बंद करने के साथ कैजुअल कर्मियों को बाहर निकाल रहे हैं। इसी तरह ऑटो मोबाइल उपकरणों की सप्लाई करने वालों की हालत है। जेएंडके में पांच लाख रुपये पर 45000 और 32.5 लाख रुपये पर 292500 रुपये वसूले जाएंगे। एनआईसी आंकड़ों में ट्रांसपोर्ट विभाग ने 2018-19 में 177 करोड़ रुपये वसूला जो अब 900 करोड़ रुपये तक हो जाएगा, इसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि भारी टैक्स बढ़ोतरी के कारण अगस्त में अब तक 90 फीसदी आटो मोबाइल बिक्री में गिरावट आई है। इसी तरह बैंक से ऋण लेने पर वन टाइम रोड टैक्स (पंजीकरण) खर्चा वहन नहीं करता है। उन्होंने मांग की कि रोड टैक्स अधिकतम चार फीसदी तक होना चाहिए।