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चिदंबरम के पक्ष में सिब्बल और सिंघवी की आक्रामक दलील

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सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ़्तार किए गए पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम को अदालत के समक्ष पेश किया है.

चिदंबरम की ओर से पूर्व क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल सीबीआई की विशेष अदालत में बहस कर रहे हैं. सिब्बल ने अदालत में कहा कि इस मामले में बाक़ी के अभियुक्तों को ज़मानत मिली हुई है इसलिए चिदंबरम को भी बेल मिलनी चाहिए. पीटर और इंद्राणी मुखर्जी बेल पर हैं.

सिब्बल ने कहा, ”इस मामले की जांच पूरी हो गई है और मेरे क्लाइंट ने जांच में हमेशा सहयोग किया है.”

अदालत में सरकार के महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम जांच से जुड़े सारे दस्तावेज मुहैया नहीं करा रहे हैं. सीबीआई की ओर तुषार मेहता ने दलील देते हुए कहा कि बिना कस्टडी के पूछताछ के इस मामले की जांच संभव नहीं है.

सिब्बल ने मेहता की दलील को ख़ारिज करते हुए कहा कि इस मामले के सभी अभियुक्त ज़मानत पर हैं इसलिए चिदंबरम को बेल मिलनी चाहिए. सिब्बल ने कहा कि उनके क्लाइंट के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया गया है.

चिदंबरम से विदेश में बैंक अकाउंट के बारे में पूछा गया लेकिन उन्होंने कहा कि उनका कोई बैंक खाता नहीं है. चिदंबरम के बेटे कार्ति का अकाउंट है. सिब्बल ने कहा कि कार्ति का अकाउंट आरबीआई के नियमों के अनुसार है.

चिदंबरम के पक्ष में दलील देते हुए कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आपने मेरे क्लाइंट को गिरफ़्तार किया है तो यह भी बताइए कि इतनी जल्दीबाजी क्यों थी. सिंघवी ने कहा कि जांच एजेंसी को गिरफ़्तारी की अचानक इतनी जल्दीबाजी क्यों हो गई जबकि जून 2018 के बाद से एक बार भी बुलाया नहीं गया.

चिदंबरम को सीबीआई के विशेष जज अजय कुमार कुहार की अदालत में पेश किया गया है.

सीबीआई की ओर से महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा है कि सीबीआई चिदंबरम की पाँच दिन की रिमांड मांग रही है.

सीबीआई ने अदालत से कहा है कि वह चिदंबरम से पूछताछ करना चाहती है.

सीबीआई की ओर से अदालत में ये भी कहा गया है कि चिदंबरम बचने की कोशिश कर रहे हैं और पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

महाधिवक्ता ने कहा कि ‘ख़ामोश रहना संवैधानिक अधिकार है लेकिन वो सहयोग नहीं कर रहे हैं.’

सीबीआई कीओर से अदालत में ये भी कहा गया है कि ये मनी लॉंडरिंग का क्लासिक केस है.

इससे पहले, चिदंबरम को बुधवार शाम उनके दिल्ली स्थित घर से हिरासत में लिया गया था.

सीबीआई ने चिदंबरम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं जिन्हें वो ख़ारिज करते रहे हैं.

नाटकीय अंदाज़ में गिरफ़्तार

केंद्रीय जाँच एजेंसी सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बड़े नाटकीय तरीक़े से बुधवार रात गिरफ़्तार कर लिया और दिल्ली के लोदी कॉलोनी स्थित मुख्यालय ले गई.

इस दौरान चिदंबरम के समर्थक उनके घर के बाहर इकट्ठा हो गए और सीबीआई और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की.

चिदंबरम ने कांग्रेस दफ़्तर पहुंचकर एक बयान जारी करके कहा कि वो क़ानून से भाग नहीं रहे हैं बल्कि क़ानून की शरण में गए हैं.

इससे पहले सीबीआी ने उनके ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया था.

हाई कोर्ट से ज़मानत याचिका रद्द होने के बाद चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जहां उन्हें तुरंत राहत नहीं मिल सकी.

सुप्रीम कोर्ट में उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है.

लेकिन इससे पहले ही सीबीआई ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.