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छत्तीसगढ़ : 3 हजार छात्रों का डाटा चुराकर बिहार के गैंग को 80 रु. प्रति छात्र के हिसाब से बेचा..

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छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापमं)फर्जीवाड़ा में 3 हजार छात्रों का डाटा चोरी होने का बड़ा खुलासा हुआ है। बीएससी नर्सिंग की परीक्षा में शामिल होने वाले इन छात्रों का डाटा चुराकर दिल्ली में एजेंटों को बेचा गया। एजेंटों ने बिहार के जालसाज गैंग को बेचा। डाटा हासिल करने के बाद बिहार के गैंग ने एक-एक छात्र को कॉल कर परीक्षा में पास कराने और चयन सूची में नाम आने की गारंटी देकर ठगी की। एक छात्र से केवल 35-40 हजार में सौदा किया। कम पैसे लेकर जालसाजों ने ज्यादा छात्रों से ठगी कर ली। पुलिस ने डाटा खरीदने वाले दो एजेंटों को पकड़ा लेकिन व्यापमं और चिप्स के सुरक्षा घेरे में सेंध लगाने वालों का पता नहीं लगा सकी है। व्यापमं ने अपना डेटा चिप्स को दिया था। इस वजह से पुलिस खुद उलझन में है कि डाटा कहां से चोरी हुआ।


पुलिस ने फिलहाल बिहार नालंदा दो एजेंटों रजनीकांत कुर्मी उर्फ सोनू व नीतीश कुमार को गिरफ्तार किया है। इनमें एक पंचायत का शिक्षक है। एसएसपी शेख आरिफ हुसैन ने बताया रजनीकांत कुर्मी और नीतीश कुमार दोनों अच्छे दोस्त हैं। सोनू दिल्ली में छोटा-मोटा काम करता है। नीतीश पंचायत शिक्षक है। वह गांव के स्कूल में पढ़ाता है। दोनों काफी अर्से से डाटा खरीदी-बिक्री का काम कर रहे हैं।


सोनू का लिंक बेहद मजबूत है। वह कोचिंग से लेकर डाटा खरीदी-बिक्री का काम करने वाले एजेंटों के सीधे संपर्क में हैं। वह उनसे कम कीमत पर डाटा खरीदकर ज्यादा पैसे में बेचकर मुनाफा कमाता है। उसी ने दिल्ली के एक एजेंट से बीएससी नर्सिंग के छात्रों का 90 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से 3 हजार का डाटा खरीदा। पेन ड्राइव में डाटा लेने के बाद सोनू ने अपने लैपटॉप में उसकी जांच की। फिर कुछ दिन बाद वही डाटा अपने दोस्त नीतीश को 100 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से बेच दिया। नीतीश ने उसी डाटा के लिए नवादा गिरोह के सुजीत कुमार से संपर्क किया। उसने सुजीत को 110-120 रुपए दो हजार ही डाटा बेचा। एक हजार डाटा उसने दूसरे गिरोह को बेचा। आरोपियों ने पूरा सौदा कैश में लेन-देन किया है। पुलिस अधिकारी सोनू और नीतीश दोनों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने इससे पहले नवादा के संदीप सिंह उर्फ सोनू, सीजन कुमार और सुजीत को गिरफ्तार किया था। इनके कॉल डिटेल की जांच के बाद पुलिस ने सोनू और नीतीश तक पहुंच सकी

बैंक अधिकारी जांच के घेरे में : प्रतियोगी परीक्षा से जुड़े घोटाले में बिहार के कुछ बैंक अधिकारी जांच के घेरे में हैं। उन्हें नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने अधूरे और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर  खाता खोल दिया है। पुलिस आरोपियों के खाते को खंगाल रही है। फिलहाल खाते को सीज कर दिया गया है। उनके ट्रांजेक्शन पर भी रोक लगा दी है। पुलिस की पड़ताल में पता चला है कि आरोपियों ने अपने गांव में आलीशान मकान बनाया है। मकान में हर तरह की सुविधाएं है। आरोपियों के पास कार भी हैं, जिसे वे टैक्सी में चलवाते हैं। 

35 गांव के लोगों का गैंग, ठगी को बना रखा है धंधा : पुलिस को जांच में पता चला है कि नवादा के 35 से ज्यादा गांव में लोगों ने इसी तरह का अलग-अलग गिरोह बना रखा है, जो डाटा खरीदकर लोगों को झांसे में लेते हैं। आरोपियों ने इसी को अपना व्यवसाय बना लिया है। दिखावे के लिए छोटा-मोटा काम करते हैं। उनका मूल काम लोगों को कॉल कर ठगी करना है। गिरोह की नजर देश में हाेने वाली प्रतियोगी परीक्षा पर रहती है। उसमें शामिल होने वाले लोगों का डाटा खरीदकर वे उनसे संपर्क करते हैं।

गिरोह के सरगना तक पहुंच नहीं पाई पुलिस : पुलिस अब तक गिरोह के सरगना तक पहुंच नहीं पाई है। पुलिस का दावा है कि सरगना से बहुत कम लोग ही मिले हैं। क्योंकि गिरोह का काम चेन सिस्टम से चलता है। उन्हें सरगना से मतलब नहीं होता है। अपना काम कर वे पैसे लेते हैं। आरोपियों ने पैसा जमा कराने के लिए खाता किराए पर लिया है।