Home समाचार 30 दिन में खाली करना होगा फ्लैट, बुजुर्ग पिता को न्याय और...

30 दिन में खाली करना होगा फ्लैट, बुजुर्ग पिता को न्याय और बेटी को सबक, जानिए पूरा मामला..

40
0

माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 के रखरखाव और कल्याण के प्रावधानों के तहत चंडीगढ़ ट्रिब्यूनल ने बड़ा फैसला दिया है। एक बेटी को धनास स्थित चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट को खाली कर अपने पिता को सौंपने का आदेश ट्रिब्यूनल ने दिया है। पिता ने बेटी से फ्लैट्स को बचाने के लिए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था और उससे अपने घर को खाली कराने की मांग की थी। ट्रिब्यूनल कोर्ट में 11 माह तक चली सुनवाई के बाद एडीसी सचिन राणा ने यह एतिहासिक फैसला दिया है। धनास स्थित हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी गुरपाल सिंह ने अपनी बेटी अमनदीप कौर के खिलाफ जान और माल की सुरक्षा के लिए अधिनियम की धारा 21 और 22 के तहत अगस्त 2018 में ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था। 11 माह तक चली सुनवाई के बाद इस मामले में अब फैसला आया है। जानकारी के मुताबिक, गुरपाल सिंह को 1981 में सीएचबी से मकान आवंटित हुआ था। गुरपाल ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी अमनदीप कौर और उनके सहयोगी नरिंदर बिल्ला रोजाना उन्हें परेशान करते थे। दोनों से उन्हें जान और माल का खतरा है।

इस मसले पर गुरपाल की बेटी अमनदीप कौर ने कहा कि वह और उसके पिता शांति से रह रहे हैं और उसके पिता की जान और माल को उनसे कोई खतरा नहीं। एडीसी सचिन राणा के नेतृत्व में ट्रिब्यूनल ने जुलाई माह में पारित अपने आदेश में कहा वरिष्ठ नागरिक के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल कोर्ट ने अपने आदेश में अमनदीप कौर को 30 दिनों के भीतर घर खाली करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही एसएचओ को यह भी निर्देश दिया है कि वह गुरपाल की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करें।