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संन्यासी वेशभूषा में उमा भारती के भस्मारती में शामिल होने से पुजारी नाराज, उमा बोलीं- साड़ी भेंट करें अगली बार पहनूंगी

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मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में मंगलवार को बीजेपी नेत्री उमा भारती ने महाकाल के दर्शन किए. उमा महकाल की बड़ी भक्त हैं और हर साल सावन में एक बार महाकाल के दर्शन के लिए जरूर आती हैं. वहीं इस बार महाकाल मंदिर के पुजारी ने उमा भारती के ड्रेस कोड पर सवाल खड़े कर दिए. इस पर उमा भारती ने भी अपनी गलती मानते हुए कहा कि अगर पुजारी जी कह रहे हैं, तो वे सही ही कह रहे होंगे. उमा ने कहा कि ‘अगली बार आऊंगी तो ध्यान रखूंगी.’ दरअसल, उमा भारती साध्वियों की ड्रेस अचला धोती पहनकर गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन कर रही थीं, लेकिन नियम के मुताबिक गर्भगृह में प्रवेश के दौरान महिलाएं साड़ी में और पुरुष धोती और सोला पहनकर ही प्रवेश कर सकते है.

गर्भ गृह में प्रवेश करने के लिए महिलाओं व पुरुषों के लिए होती है ड्रेस कोड

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मात्र महाकाल मंदिर ही ऐसा है जहां सुबह भस्म आरती की जाती है. इसके लिए बाकायदा महिलाओं और पुरुश के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड है. साथ ही जब मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश बंद होता है तब भी अगर अंदर जाकर दर्शन करना हो तो महिलाएं गर्भ ग्रह में सिर्फ साड़ी में ही प्रवेश कर सकती हैं. वहीं पुरुष सोला और धोती में प्रवेश कर सकते हैं. हालांकि कुछ साध्वी अचला धोती और सन्यासी ड्रेस के ऊपर जैकेट पहन कर ही प्रवेश कर जाती हैं.

लिहाजा, इसी बात को लेकर महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं अभा पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने उमा भारती के ड्रेस कोड पर सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने उमा को कहा कि मंदिर समिति का महिलाओं के लिए ड्रेस कोड साड़ी-ब्लाउज है. इसे साध्वियों पर भी लागू करना चाहिए. पं. महेश पुजारी का कहना है कि न सिर्फ साध्वी उमा भारती बल्कि मंदिर में आने वाली सभी साध्वियों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए. हालांकि उमा भारती ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि अगर पंडित जी कह रहे हैं तो अगली बार साड़ी पहनकर ही आऊंगी.