Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में मतदाताओं को जागरूक करेगी चुनाव पाठशाला

छत्तीसगढ़ में मतदाताओं को जागरूक करेगी चुनाव पाठशाला

27
0

छत्तीसगढ़ में मतदाताओं में जागरूकता लाने के लिए चुनाव पाठशाला की शुरुआत की जाने वाली है। इन पाठशालाओं में रोचक खेल और मंनोरंजक कार्यक्रमों का सहारा लिया जाएगा। राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए चुनावी पाठशालाएं लगाई गई थीं। इसमें चुनावी साक्षरता क्लबों का भी सहारा लिया गया था। इन कोशिशों के बेहतर नतीजों को ध्यान में रखकर एक बार फिर चुनाव आयोग ने चुनावी पाठशालाओं को शुरू करने का मन बनाया है।

इसके लिए राज्य के 27 जिलों के दो-दो मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया गया है। इन पाठशालाओं को आकर्षक बनाने के लिए रोचक खेल व मनोरंजक तरीकों का सहारा लिया जाएगा।

राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर व प्रशिक्षण के सहायक नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पाण्डेय ने आईएएनएस को बताया, ‘भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं में जागरूकता लाने के लिए रोचक व मनोरंजक कार्यक्रमों का सहारा लिया है। यह स्वीप कार्यक्रम के अधीन है।’

उन्होंने बताया, ‘मतदाताओं को पूरी चुनावी प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए चुनावी पाठशाला को अमली जामा पहनाया गया है। मतदाताओं को मतदाता आवेदन करने से लेकर ईवीएम और अन्य प्रक्रिया के बारे में मनोरंजक तरीके से जानकारी मिल सके, इसके लिए चुनावी पाठशाला का कांसेप्ट तैयार किया गया है।’

उन्होंने बताया, ‘चुनावी प्रक्रिया में समुदाय की हिस्सेदारी बढ़ाने में चुनावी पाठशाला मददगार है। इन पाठशालाओं के दौरान खेलो लंगड़ी, लूडो, सांप-सीढ़ी के जरिए आम लोगों को चुनावी गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा। इन पाठशालाओं का लक्ष्य भावी और वर्तमान मतदाताओं में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इसमें चुनावी साक्षरता क्लब मददगार बनते हैं। इन क्लबों में गैर सरकारी अर्थात समुदाय के लोगों की हिस्सेदारी होती है।’

संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी समीर विश्नोई का कहना है, ‘विगत विधानसभा व लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी साक्षरता क्लब के माध्यम से बेहतर कार्य किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ में मतदाता जागरूकता बढ़ी है।’

इसी तरह संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पद्मिनी भोई साहू ने कहा कि ‘विगत वषरें के चुनाव में काफी परिवर्तन आया है। इस बार के चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता जागरूकता के लिए लगातार प्रयास किए गए हैं, जिसका सार्थक परिणाम छत्तीसगढ़ के चुनाव में देखने को मिला है।’