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महाराष्ट्र में हुई थी देश की पहली गे मैरिज, शादी को जोड़े ने कहा था कमिटमेंट

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भारत में समलैंगिक संबंधों को कानूनी करार दिए जाने की बात ज़्यादा पुरानी नहीं है. सेक्शन 377 पर पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा था कि समलैंगिक संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं हैं. इससे पहले जब 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने सेक्शन 377 के सिलसिले में विचार किए जाने की मंज़ूरी दी थी और फैसला आने में वक्त था, तब भारत में पहली गे शादी हुई थी. आइए उस अनोखी और पहली गे शादी के बारे में आपको बताते हैं कि कैसे एक आईआईटी ग्रेजुएट और टीचर ने शादी की.

 पवई आईआईटी से ग्रेजुएट हए 43 वर्षीय ऋषि ने पेशे से शिक्षक और विएतनाम मूल के विन्ह के साथ 30 दिसंबर 2017 को शादी रचाई थी. दोनों ही अमेरिका में रह रहे थे. ऋषि को ग्रीन कार्ड मिल चुका था और विन्ह बचपन से ही अमेरिका में बस चुके थे. दोनों की मुलाकात एक डेटिंग वेबसाइट के ज़रिए हुई थी. दोनों के बीच 2017 में ही डेटिंग शुरू हुई और फिर दोनों ने शादी का फैसला किया.

पवई आईआईटी से ग्रेजुएट हए 43 वर्षीय ऋषि ने पेशे से शिक्षक और विएतनाम मूल के विन्ह के साथ 30 दिसंबर 2017 को शादी रचाई थी. दोनों ही अमेरिका में रह रहे थे. ऋषि को ग्रीन कार्ड मिल चुका था और विन्ह बचपन से ही अमेरिका में बस चुके थे. दोनों की मुलाकात एक डेटिंग वेबसाइट के ज़रिए हुई थी. दोनों के बीच 2017 में ही डेटिंग शुरू हुई और फिर दोनों ने शादी का फैसला किया.

 शादी में क्यों नहीं आई अड़चन : इस सवाल का जवाब एक पुरानी कहानी में छुपा था. अस्ल में जब 1997 के समय में ऋषि ने अपने परिवार के सामने अपने गे होने का खुलासा किया था, तब परिवार को यह बात स्वीकारने में बहुत मुश्किल हुई थी. परिवार को पांच साल लगे मंज़ूर करने में कि उनका बेटा गे है और उसी तरह ज़िंदगी जीना चाहता है. इसके बाद सब ठीक हुआ, यहां तक कि ऋषि और उसके परिवार ने सैन फ्रांसिस्को में 2007 में हुई गे प्राइड परेड में भी हिस्सा लिया.

शादी में क्यों नहीं आई अड़चन : इस सवाल का जवाब एक पुरानी कहानी में छुपा था. अस्ल में जब 1997 के समय में ऋषि ने अपने परिवार के सामने अपने गे होने का खुलासा किया था, तब परिवार को यह बात स्वीकारने में बहुत मुश्किल हुई थी. परिवार को पांच साल लगे मंज़ूर करने में कि उनका बेटा गे है और उसी तरह ज़िंदगी जीना चाहता है. इसके बाद सब ठीक हुआ, यहां तक कि ऋषि और उसके परिवार ने सैन फ्रांसिस्को में 2007 में हुई गे प्राइड परेड में भी हिस्सा लिया.

 शादी नहीं कमिटमेंट : विन्ह के साथ रिश्ते के बारे में ऋषि ने मीडिया से कहा था कि वो इस रिश्ते को शादी नहीं बल्कि कमिटमेंट के तौर पर देखते हैं और उत्सव भी शादी का नहीं, परिवार और अपनों के बीच कमिटमेंट ज़ाहिर करने का था. कमिटमेंट कहें या शादी, ये इच्छा ऋषि की थी कि वो विन्ह के साथ अपने देश, अपने शहर में पारंपरिक रूप से बंधन में बंधे. विन्ह ने हामी भरी और ऋषि के परिवार ने महाराष्ट्र के यवतमाल में रिसेप्शन का अयोजन किया जिसमें परिवार और समाज के कई लोग शामिल हुए.

शादी नहीं कमिटमेंट : विन्ह के साथ रिश्ते के बारे में ऋषि ने मीडिया से कहा था कि वो इस रिश्ते को शादी नहीं बल्कि कमिटमेंट के तौर पर देखते हैं और उत्सव भी शादी का नहीं, परिवार और अपनों के बीच कमिटमेंट ज़ाहिर करने का था. कमिटमेंट कहें या शादी, ये इच्छा ऋषि की थी कि वो विन्ह के साथ अपने देश, अपने शहर में पारंपरिक रूप से बंधन में बंधे. विन्ह ने हामी भरी और ऋषि के परिवार ने महाराष्ट्र के यवतमाल में रिसेप्शन का अयोजन किया जिसमें परिवार और समाज के कई लोग शामिल हुए.

 इतने लोगों का सपोर्ट पाकर ऋषि ने भावुक होकर तब एक फेसबुक पोस्ट पर अपनी भावनओं का इज़हार करते हुए सभी को धन्यवाद दिया था और यवतमाल को उम्मीद से बढ़कर प्रगतिशील कहा था. शादी के बाद ऋषि और विन्ह अमेरिका लौट गए और अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी जीने के बीच दोनों ने किसी बच्चे को गोद लेने की इच्छा भी ज़ाहिर की थी.

इतने लोगों का सपोर्ट पाकर ऋषि ने भावुक होकर तब एक फेसबुक पोस्ट पर अपनी भावनओं का इज़हार करते हुए सभी को धन्यवाद दिया था और यवतमाल को उम्मीद से बढ़कर प्रगतिशील कहा था. शादी के बाद ऋषि और विन्ह अमेरिका लौट गए और अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी जीने के बीच दोनों ने किसी बच्चे को गोद लेने की इच्छा भी ज़ाहिर की थी.