Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेश के समय ही बच्चों के...

छत्तीसगढ़ : छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेश के समय ही बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाए -डाॅ. प्रेमसाय सिंह

13
0

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने महानदी भवन मंत्रालय में कल नौ घंटे की मैराथन बैठक में जिलों में पदस्थ परियोजना प्रशासकों और सहायक आयुक्तों की बैठक लेकर करीब डेढ़ दर्जन बिन्दुओं पर विस्तार से विभागीय काम-काज की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य के 14 जिलों में 16 नये एकलव्य विद्यालय स्वीकृत हुए हैं। 
    डाॅ. सिंह ने कहा कि छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेश के समय ही बच्चों के स्वास्थ्य की प्रारंभिक जांच कर ली जाए। स्वास्थ्य के मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ’स्वस्थ्य तन स्वस्थ्य मन’ योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह में दो बार बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। 
    डाॅ. सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वे छात्रावासों का निरन्तर भ्रमण करें, छात्रवृत्ति वितरण का भौतिक सत्यापन करें, निजी संस्थाओं का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाए तथा नए शिक्षा सत्र में छात्रावास और आश्रमों की स्थिति का व्यक्तिगत रूप से अवलोकन कर आवश्यक सुधार करंे। उन्होंने निरीक्षण रोस्टर का कड़ाई से पालन करने तथा छात्र भोजन सहाय राशि का शत-प्रतिशत वितरण करने को भी कहा।
     डाॅ. सिंह ने छात्रावास और आश्रमों के लिए शैक्षणिक कैलेण्डर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के बच्चों को विशेष कोचिंग दिया जाए। शैक्षणिक प्रोत्साहन के लिए स्थानीय स्तर पर इंजीनियरिंग, पाॅलिटेक्निक, आईटीआई में शिक्षा प्राप्त किए हुए युवाओं को भी बुलाकर अतिथि शिक्षक के रूप में उनका उपयोग किया जाए। शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए आश्रमों में अध्यनरत बच्चों का प्रत्येक माह टेस्ट लिया जाए। पढ़ाई में कमजोर बच्चों को कोचिंग देने के बाद आकलन करें कि उनके परीक्षा परिणाम का औसत कितना बढ़ा। कोचिंग के साथ कैरियर काउंसिलिंग भी की जाए। युवा कैरियर निर्माण योजना में नर्सिंग प्रशिक्षण, हास्पीलिटी एवं होटल मैनेजमेंट आदि के साथ पैरामेडिकल पाठ्यक्रम का भी प्रशिक्षण दिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि निःशुल्क वाहन चालक प्रशिक्षण के माध्यम से 98 युवाओं को रोजगार मिला है।
    डाॅ.सिंह ने कन्या छात्रावासों में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगाने और जहां बाॅउंड्रीवाॅल नहीं है वहां निर्माण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों के आश्रम छात्रावासों में मेडीकेटेड मच्छरदानी और मलेरिया किट की व्यवस्था की जाए। सभी छात्रावासों में अनिवार्य रूप से नास्ता करवाया जाए। सभी छात्रावासों में रैन वाॅटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण और किचन गार्डन का कार्य करवाया जाए।
    डाॅ. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी छात्रावास भवन, शौचालय विहीन नहीं होना चाहिए। जहां महिला गार्ड हैं वहां पहले गार्ड रूम का निर्माण कराएं। उन्होंने निर्माण एजेंसी की निरंतर समीक्षा करने और अधूरे कामों को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए। 

    बैठक में प्रत्येक माह निगरानी समिति की बैठक आयोजित करने और पालक-बालक सम्मेलन करने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत अधिकारियों का प्रशिक्षण, चयनित ग्रामों में कम से कम चार मापदंडों को पूरा कर आदर्श ग्राम घोषित करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बस्तर क्षेत्र में लोक संस्कृति के माध्यम से नाटक और गीत आदि से देश प्रेम की भावना जगाने पर जोर दिया गया। बैठक में विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, संचालक श्री नीरज कुमार बनसोड़ सहित राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।