BREAKING

slide 2 of 10
MP : ओम्कारेश्वर बांध विस्थापितों को खेती योग्य जमीन देने के निर्देश
समाचार

MP : ओम्कारेश्वर बांध विस्थापितों को खेती योग्य जमीन देने के निर्देश

भोपाल। सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में ओम्कारेश्वर बांध विस्थापितों के सम्बन्ध में नर्मदा बचाओ आन्दोलन की याचिका पर एक महत्वपूर्ण आदेश दिया है कि राज्य सरकार 3 महीने के अन्दर विस्थापितों को पुनर्वास के लिए खेती योग्य जमीन उपलब्ध कराए। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि विस्थापित मुआवजा व विशेष पैकेज का विकल्प लेता है तो सरकार को मुआवजे व पैकेज पर अतिरिक्त 90 ब्याज देना होगा। नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है और सरकार से मांग की है कि जमीन के साथ पुनर्वास की अन्य सभी मागों को तत्काल पूरा किया जाए। इन सभी मांगों के साथ विस्थापित सैकड़ों की संख्या में 28 मार्च को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन करेंगे।

खंडवा में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए नर्मदा आन्दोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता व आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल ने बताया कि ओम्कारेश्वर बांध विस्थापित गत 12 साल से नर्मदा बचाओ आन्दोलन के तहत अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस लड़ाई में उन्होंने अपने अधिकारों के लिये तमाम धरने, प्रदर्शन, सत्याग्रह व जल सत्याग्रह किए और न्यायालय में भी लड़ाई लड़ी। सन 2008 में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने विस्थापितों को जमीन देने का आदेश दिया। परन्तु सरकार उसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील में चली गई। सन 2011 में सर्वोच्च न्यायालय ने पुन: जमीन देने का आदेश दिया और इस हेतु शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष जाने को कहा।

ओम्कारेश्वर बांध प्रभावित ग्राम घोघलगांव में सैकड़ों प्रभावितों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर खुशी व्यक्त करते हुए इसे नर्मदा आन्दोलन की बड़ी जीत बताया है। साथ ही तय किया है कि जमीन के साथ पुनर्वास से जुड़े अन्य मुद्दे जैसे घर प्लाट, अनुदान आदि सभी को लेकर तत्काल सरकार से बात की जाएगी। सरकार यदि बात नहीं करती है तो 28 मार्च को राजधानी भोपाल में सैकड़ों विस्थापित प्रदर्शन करेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts