अयोध्या विवादः हिंदू महासभा बातचीत के लिए तैयार, SC को दिए 3 नाम

राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मध्यस्थता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है.

सुनवाई के दौरान जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा है कि ये मामला जमीन से नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा हुआ है. इसलिए इसका हल आपसी सहमति से ही निकलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मध्यस्था को गोपनीय रखना चाहिए, क्योंकि इससे जुड़ी बातें बाहर आने पर विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है.

बोबड़े ने कहा, “अतीत में जो हुआ उस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं है, किसने आक्रमण किया, कौन राजा था, मंदिर था या मस्जिद थी. इस बारे में हम कुछ नहीं कर सकते. हमें मौजूदा विवाद के बारे में पता है…और हम केवल विवाद को सुलझाने को लेकर चिंतित हैं.”

हिंदू महासभा ने मध्यस्थता के लिए दिए नाम

हिंदू महासभा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता के लिए तीन नाम दिए गए हैं. इन तीन नामों में पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस जेएस खेहर का नाम शामिल है. हिंदू महासभा की तरफ से कहा गया है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं.

चीफ जस्टिस ने कहा- मध्यस्थता के लिए नाम सुझाएं पक्ष

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले के पक्षकारों से मध्यस्थता करने वालों के नामों का सुझाव देने को कहा है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाना चाहते हैं.

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